लखनऊ। प्रदेश में संगठन के विस्तार के साथ ही कांग्रेस की नजर विधानसभा उपचुनाव पर भी है। पार्टी में भीतर खाने इसे लेकर तैयारियां भी की जा रही हैं। कांग्रेस विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए में अपने सहयोगी दल सपा के साथ मिलकर आगे भी ताकत आजमाएगी। पार्टी 10 सीटों पर प्रस्तावित विधानसभा उपचुनाव में उन सीटों पर दांव लगाने की तैयारी में है, जो भाजपा के पास थीं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कम से कम चार सीटों पर पंजे की दावेदारी होगी। उपचुनाव को लेकर जल्द वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक भी बुलाई जाएगी। लोकसभा चुनाव में रायबरेली व अमेठी समेत छह सीटों पर जीत मिलने के बाद कांग्रेस प्रदेश में संगठन को नए सिरे से खड़ा करने की जुगत में है। इसके लिए विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाई जा रही है।
यही वजह है कि कांग्रेस उपचुनाव में भी किस्मत अजमाने की तैयारी में है।लोकसभा चुनाव में नौ विधायक जीते हैं। इसके अलावा कानपुर की सीसामऊ सीट भी रिक्त है। सीसामऊ से सपा विधायक इरफान सोलंकी को बीते दिनों एमपी-एमएलए कोर्ट ने आगजनी के मामले में सात वर्ष की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी सदस्यता चली गई थी। लोकसभा चुनाव में भाजपा विधायकों के जीत दर्ज करने के बाद फूलपुर, खैर, गाजियाबाद व मझवां विधानसभा सीटें रिक्त हुई हैं। वहीं, रालोद ने मीरापुर सीट से अपने विधायक चंदन चौहान को बिजनौर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा था। चंदन की जीत के बाद मीरापुर की सीट भी रिक्त है। इसके अलावा सपा के चार विधायकों ने लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी, जिसके बाद मिल्कीपुर, करहल, कटेहरी व कुंदरकी सीट भी रिक्त हैं।