जांजगीर-चांपा। रीपा गोठान में गोबर पैंट बनाने का कारोबार ठप पड़ गया है। पूर्ववर्ती सरकार के इस काम में महिला स्व सहायता समूह को आजीविका के काम मिला था वह भी उप है साथ ही उनके उत्पाद की बिक्री भी ठप पड़ गई है। इसके चलते महिला स्व सहायता समूहों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई पड़ रही है। मामला बम्हनीडीह ब्लाक के गौरव ग्राम अफरीद का है। जहां महिला स्व सहायता समूह ने आजीविका के साधन के लिए 24 लाख रुपए का गोबर पैंट का निर्माण किया था। जब कांग्रेस की सरकार थी तो पैंट की बिक्री भी धड़ल्ले से हो रही थी। डिमांड व आपूर्ति के हिसाब से महिला स्व सहायता समूहों ने धड़ाधड़ गोबर पैंट का निर्माण तो कर दिया, लेकिन अब इनके उत्पाद की डिमांड ठप पड़ गया है। इसके चलते उनके उत्पाद गोदाम में धूल खाते पड़ी है। गौरव ग्राम अफरीद में विश्वा महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष राजेश्वरी नागेश बताया कि रीपा शेड में गोबर पेंट का निर्माण किया। इन्होंने 24 लाख रुपए का गोबर पेंट का निर्माण किया, लेकिन उनके 14 लाख के गोबर पेंट की बिक्री हुई है। 10 लाख का पेंट अब भी रीपा गोठान में धूल खाते पड़ी है। क्योंकि सरकार बदलते ही इनके द्वारा निर्मित पेंट की बिक्री ठप पड़ गई है। अब इन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि उनके बचे 10 लाख रुपए के पेंट की बिक्री होगी या नहीं, यदि पेंट की बिक्री नहीं हुई तो उन्हें बड़ा नुकसान होगा।
अब मशीन भी बंद पड़ी
रीपा गोठान के आजीविका के गतिविधियां पूरी तरह से ठप पड़ गई है। नई सरकार भी अब इन गोठानों के प्रति रुचि नहीं दिखा रही है। गौरव ग्राम अफरीद में विश्वा महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष राजेश्वरी नागेश बताया कि हमने अपनी पीड़ा जिला पंचायत व जनपद पंचायत सीईओ सुना चुके हैं. लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है। सरकार बदलते ही नेताओं ने भी अपना रंग बदल लिया।