
मुंबई। मुगल शासक औरंगजेब को लेकर दिए गए अपने विवादास्पद बयान के संबंध में सपा विधायक अबू आसिम आजमी बुधवार को जांच अधिकारी के समक्ष पेश हुए। इसके बाद उन्होंने कहा कि बिना कुछ गलत किए यदि मुझ पर आरोप लगाए जा रहे हैं, तो निश्चत तौर पर मुझे इसका डर है।
लोग मुझे आतंकी कह रहे हैं- आजमी
मीडिया से बात करते हुए आजमी ने कहा कि बयान दर्ज करने की कोई आवश्यकता नहीं है, कोई मामला ही नहीं है। मेरे खिलाफ एक एफआइआर दर्ज की गई थी। मैंने अग्रिम जमानत ले ली है। मुझे तीन दिनों तक आकर अपने हस्ताक्षर करने होंगे। मुंबई सत्र न्यायालय ने औरंगजेब पर विवादास्पद बयान के मामले में जांच के लिए अबू आजमी को अधिकारी के समक्ष पेश होने का आदेश दिया था। न्यायालय ने उन्हें 12, 13 और 15 मार्च को सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे के बीच पेश होने की तिथियां निर्धारित की हैं। गौरतलब है कि आजमी ने औरंगजेब को कुशल प्रशासक बताया था।
भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था
कहा था कि औरंगजेब के शासनकाल के दौरान भारत की सीमाएं अफगानिस्तान और बर्मा (म्यांमार) तक थीं। उस समय भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। अपने इस बयान के बाद आजमी चौतरफा घिर गए हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में उनके इस बयान की निंदा की गई थी। राज्य के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उनके विरुद्ध देशद्रोह का मुकदमा चलाने तक की मांग कर दी थी।
औरंगजेब की कब्र को नष्ट किया जाए : म्हस्के
शिवसेना के सांसद ने लोकसभा में बुधवार को मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को नष्ट किए जाने की मांग की। सदन में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए शिवसेना के नरेश म्हस्के ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा संरक्षित 3,691 स्मारकों, कब्रों में से 25 प्रतिशत मुगल और ब्रिटिश अधिकारियों की हैं। इन्होंने देश की संस्कृति और परंपराओं के खिलाफ काम किया। म्हस्के ने कहा कि औरंगजेब ने हिंदू मंदिरों को नष्ट कर लूटा।