कोलकाता। एसएससी भर्ती घोटाले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नौकरी से निकाले गए शिक्षकों का एक समूह बुधवार से दिल्ली में जंतर-मंतर के सामने धरना देगा। ये लोग गत सोमवार को बस से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे।

राष्ट्रपति मुर्मु और पीएम से मिलने की मांग

दिल्ली में धरना देकर वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ध्यान अपनी मांगों की ओर आकर्षित करना चाहते हैं। मालूम हो कि बंगाल सरकार ने आगामी 21 अप्रैल तक ‘योग्य’ व ‘अयोग्य’ शिक्षकों व गैर-शिक्षकों की सूची जारी करने का आश्वासन दिया है।

कोलकाता में कर रहे प्रदर्शन

बंगाल की शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु की इसे लेकर गत शुक्रवार को ‘योग्य’ श्रेणी के प्रतिनिधियों के साथ सकारात्मक बातचीत भी हुई थी, हालांकि इसके बावजूद उन्होंने मांगें पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने की घोषणा की है। वे गत शनिवार से कोलकाता के मेयो रोड पर स्थित गांधी मूर्ति के सामने धरना भी दे रहे हैं।

सुवेंदु अधिकारी ने कही ये बात

दूसरी तरफ भाजपा विधायक व बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने धरना देने दिल्ली गए लोगों को तृणमूल कांग्रेस का दलाल बताया है। सुवेंदु ने उनकी योग्यता पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि वे लोग नाटक करने दिल्ली गए हैं।

शिक्षकों और पुलिस के बीच हुई थी झड़प

प्रदर्शनकारी शिक्षकों को समर्थन देने के लिए भाजपा सांसद और कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय भी धरनास्थल पर पहुंचे। मालूम हो कि कसबा में डीआई कार्यालय के बाहर बुधवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान शिक्षकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। इसमें कई शिक्षकों के साथ छह पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।