एटा, ३० मई ।
थाना जैथरा क्षेत्र के कसेला में पेट दर्द से महिला की हालत गंभीर हो गई। जिसे परिजन निजी अस्पताल के बाद मेडिकल कॉलेज लेकर आए जहां चिकित्सकों ने महिला को मृत घोषित कर दिया।वहीं, दूसरी तरफ गुरूवार को ओपीडी में मरीजों की भीड़ उमड़ी। मेडिसिन विभाग की ओपीडी में दो सौ लोग पेट दर्द का उपचार कराने के लिए पहुंचे। पेट दर्द की शिकायतें बढ़ रहीं है। थाना जैथरा क्षेत्र के गांव कसेला निवासी ममता (40) को बुधवार के दिन पेट दर्द की परेशानी हुई। इसे लेकर स्वजन ने महिला को निजी क्लीनिक पर भर्ती कराया। जहां उपचार के बाद महिला को कोई राहत नहीं मिली। इसे लेकर स्वजन महिला को आनन-फानन में मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने महिला को मृत घोषित कर दिया। वहीं, दूसरी तरफ मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में मरीजों की भीड़ कम नहीं हो रही है। जिसे लेकर पर्चा काउंटर से लेकर दवा वितरण कक्ष के बाहर तक लोगों की लंबी कतार लग जाती है। गुरुवार को भी ओपीडी परिसर में लोगों की भीड़ देखने को मिली। जिसे लेकर साढ़े पांच सौ लोग मेडिसिन विभाग की ओपीडी में पहुंचे। जिनमें से दो सौ लोग पेट दर्द के मरीज शामिल रहे। इसके अलावा, बुखार के डेढ़ सौ से अधिक मरीज उपचार के लिए ओपीडी में पहुंचे। वहीं चिकित्सक मुहम्मद कासिफ ने बताया कि इन दिनों ओपीडी में पेट दर्द और बुखार के मरीजों की अधिकता रह रही है।
बदलते हुए मौसम में लोगों को सावधानी रखनी जरूरी है।कोतवाली नगर क्षेत्र के आगरा रोड निवासी सुनील कुमार (60) को गुरूवार सुबह दस बजे सांस लेने में दिक्कत हुई। जिससे उनकी हालत खराब हो गई। उसी समय स्वजन वृद्ध को आनन-फानन में उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में लेकर पहुंचे। हां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। स्वजन वृद्ध की हार्ट अटैक से मृत्यु होने की बात कह रहे हैं।पेट दर्द की बीमारी बढऩे से मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। एक माह में डेढ़ दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है। निजी क्लीनिकों पर मरीजों की भरमार है। चिकित्सक इसका कारण खानपान बता रहे हैं। सीएमएस डा. एस चंद्रा ने बताया कि इन दिनों संतुलित भोजन ही लाभदायक है। अधिक तली हुई चीजें या जंक फूड का इस्तेमाल न करें।
शरीर के अंदर पानी की कमी न होने दें। दिन में कम से कम चार लीटर पानी अवश्य पीएं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों की मौत हुईं हैं उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों के निजी क्लीनिकों से हालत बिगडऩे पर मेडिकल कॉलेज लाया गया। अगर समय से मरीज को सही उपचार मिल जाए तो उसकी जान बच सकती है।