जांजगीर चांपा। बम्हनीडीह एक तरफ पूरे देश में एक पेड़ मा के नाम से पौधे लगाए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर प्रतिबंधित पेड़ों की लगातार कटाई की जा रही है। हद तो तब हो गई जब खपरीडीह स्थित आरामिल में जांच करने के पहुंची वन विभाग की उडऩदस्ता टीम जांच के बजाए वहां जाम छलका रही थी। आारामिल में शराब की बोतलें व कर्मचारियों द्वारा इस्तेमाल किए गए विखने के अवशेष कैमरे में कैद है। इस बात की जानकारी पत्रकारों हुई तो पत्रकार वहां पहुंचे। तब वन विभाग की पूरी टीम शराब पी रहे थे। जब पत्रकार इसका विडियो बनाने लगे तो वन विभाग की टीम बोतल ग्लास छुपाने लगे। जानकारी के अनुसार
चांपा वन विभाग की टीम बम्हनीडीह खपरीडीह क्षेत्र के दौरे पर निकली थी। खपरीडीह स्थित आरामिल में जांच करने के बजाय वहां बैठ कर
जाम छलका रहे थे। जब की खपरीडीह स्थित आरा मिल में प्रतिबंधित लकड़ी का पूरा भंडार मौजूद है। जिस पर वन विभाग की टीम कार्रवाई करना छोड़ शराब पार्टी करने में व्यस्त नजर आई।
खपरीडीह के केशरवानी आरामिल का संचालक सुंदर पटेल ने बताया की टीम आई थी। उनके कहने पर मैने बेटे को बोलकर नास्ता की व्यवस्था की थी। शराब वहां कौन लाया इसकी जानकारी नहीं है। जबकि शराब के साथ ही यहां वन विभाग की टीम के लिए चखना की भी व्यवस्था की गई थी। बड़ी बात यह है कि वन विभाग की टीम शराब पीने के लिए बकायदा सरकारी गाड़ी से खपरीडीह आरा मील पहुंची थी और कार्रवाई के बजाए शराब पीने लगे।
स्वास्थ्य विभाग ने सौंपी संदिग्ध रिपोर्ट
एक ओर डीएफओ ऐसे कर्मचारियों की गतिविधियों पर बड़ी कार्रवाई करना चाह रहे थे तो वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम वन विभाग के कर्मचारियों को बचाने में लगी है। यानि वन विभाग की टीम ने स्वास्थ्य विभाग ने बचा लिया। डॉक्टरों ने अपनी रिपोर्ट में संदिग्ध लिखा है। बड़ी बात यह है कि डीएफओ ने साफ साथ लिखा है कि स्वास्थ्य विभाग ब्रीथ एनालाइजर से जांच करें, लेकिन स्वास्थ्य अफसरों ने ऐसी जांच न कर संदिग्ध लिख दिया। उडनदस्ता टीम को जादमारी के लिए आगामिता लेकिन उनकी शिकायत मिली कि वे आरामिल में शराब पी रहे हैं। टीम के सभी कर्मचारियों को एमएलसी के लिए भेजा गया था। लेकिन डॉक्टर ने रिपोर्ट स्पष्ट नहीं दिया है।
हिमांशू डोंगरे, डीएफओ