
भाजपा सरकार में नहीं हो रहा भाजपाइयों का काम,बढ़ते भ्रष्टाचार से सरकारी तंत्र के मुखिया हो रहे मालामाल
(सीताराम नायक)
जांजगीर चांपा। छ.ग.प्रदेश में भाजपा सरकार बने लगभग डेढ़ वर्ष हो गया है इन समयों में प्रदेश की जनता को आपेक्षित लाभ नहीं मिल पाया है। यहां प्रत्येक क्षेत्र में जनता नाखुश नजर आ रही है वही विभागों में विकास कार्यों के अभाव में विभागीय अमला खाली बैठे हैं जो केवल आर्थिक अभाव का रोना रो रहे हैं,जिन्हें सरकार केवल वेतन देकर खाना पूर्ति कर रही है । न तो लोक निर्माण विभाग में अपेक्षित सडक़,पुलिया बन रहा है और ना ही मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना आदि इकाइयां लगभग ठप्प हो गई है जहां शासन के द्वारा कोई कार्य नहीं कराया जा रहा है एकात कार्य के भरोसे ही कार्यालय संचालित हो रहा हैं।
इतना ही नहीं बल्कि ग्राम पंचायतों एवं नगरी निकाय में भी विकास की गति को भी विराम लग गया है। नतीजा यहां के नवनिर्वाचित अध्यक्ष एवं पार्षद,पंच,सरपंच सभी विकास कार्यों को लेकर सरकार की ओर टकटकी निगाह से देख रहे हैं कि कब उन्हें किसी विकास कार्यों के लिए राशि मिले। क्योंकि जनपद पंचायत जिला पंचायत एवं ग्राम पंचायत के सरपंच एवं पंच, नगरी निकाय में अध्यक्ष व पार्षद,नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधि भारी भरकम राशि खर्च कर चुनाव जीत कर आए हैं जिन्हें अपनी लागत वसूलने का इंतजार है तो वहीं विकास कार्य करने की भी ललक दिखाई दे रही है किंतु लंबे समय बाद भी इनमें में राशि उपलब्ध नहीं होने से वे भाजपा सरकार को बेकार सरकार कहने लगे हैं।
सच कहा जाए तो प्रदेश में भाजपा की साय सरकार एवं केंद्र में संचालित भाजपा की मोदी सरकार की डबल इंजन चल रही है किंतु न केवल जांजगीर चांपा, शक्ति, जिले में बल्कि पूरे प्रदेश में भाजपा सरकार के पदाधिकारी अब भाजपा नेताओं को ही अच्छा नहीं मान रहे हैं और नाराज दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि छत्तीसगढ़ प्रदेश में भाजपा नेतृत्व ने चुनाव जीतने के लिए जमीनी अमले का भरपूर उपयोग किया था तब जाकर प्रदेश में भाजपा की सरकार बन सकी थी। लेकिन आज उन्हीं कार्यकर्ताओं को प्रदेश के शीर्ष नेता नफरत करने लगे हैं और कदम-कदम पर इन कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जा रही है। यहां तक कि भाजपा के जिला स्तर के नेताओं अथवा ब्लॉक स्तर के नेताओं के द्वारा जब भी कोई काम लेकर राजधानी जाया जाता है तो उन्हें उल्टे पांव लौटा दिया जाता है और उनका काम नहीं किया जाता। बहाने बाजी बनाया जाता है जिससे वह सत्ता पक्ष के नेताओं से खासे नाराज नजर आ रहे है। और वे अब कहने लगे हैं कि इसे अच्छा तो कांग्रेसी सरकार थी जो समय-समय पर भाजपाइयों का भी काम कर दिया करती थी। भाजपा शासन में भाजपाइयों का काम नहीं होने से पार्टी के अंदर ही अब विरोध के स्वर उठने लगे हैं।
स्थिति भाजपा से जुड़े हुए लोगों का यह हाल है तो फिर प्रदेश में आम जनता का क्या हाल होगा यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।
अभी एक सप्ताह पहले भाजपा सरकार के द्वारा सुशासन त्यौहार मनाया गया जिसके लिए जिला स्तर पर बड़े जोर शोर से प्रचार प्रसार किया गया किंतु यह सुशासन दिवस पूरी तरह से ढकोसला ही साबित हुआ है क्योंकि प्रदेश सरकार ने इन डेढ़ वर्षो में अपने कार्यकाल में एक खपरा तक किसी गरीब घर का ठीक नहीं की है और ना ही उन्हें रोजगार दे पाई, आज प्रदेश में बेरोजगारी,भुखमरी का सिलसिला निरंतर बढऩे लगा है ।।सुशासन दिवस में आयोजित शिविरों में केवल चंद लोगों को कुछ सामान देकर जिला प्रशासन प्रदेश सरकार की गुणगान करते रही है बल्कि सरकारी अमला अपना पीठ खुद थपथपाते रही है। आज पूरे प्रदेश में भाजपा सरकार की स्थिति बेहद खराब है यहां जहां शिक्षक वर्ग युक्ति युक्तकारण से परेशान है तो वहीं अपनी उपज बेचने के बाद भी किसानों को इन चार महीना में उनका भुगतान तक बैंकों के माध्यम से नहीं हो पाया है जो आज भी जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों के स्थानीय शाखों में चक्कर काट रहे हैं।
सवाल व्यापारियों का तो स्थानीय व्यापारी वर्ग भी काम के अभाव में खाली बैठे हुए हैं क्योंकि सारा काम प्रदेश स्तर पर कमीशन देकर बड़े व्यापारी विभागों में गुणवत्ताहीन सामानों की आपूर्ति कर रहे हैं । प्रदेश में भाजपा की सरकार जब से बनी है तब से प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है यहां सरकारी तंत्र के बड़े-बड़े पदों पर बैठे अधिकारियों द्वारा जनता का खुलेआम शोषण किया जा रहा है विशेष कर राजस्व विभाग, खनिज विभाग के अधिकारियों खुली लूट मचा रखी है जिससे जनता उह तक नहीं कर पा रही है । अगर यही हाल रहा तो आने वाले समय में भाजपा का सुपड़ा साफ होना तय है। इसलिए प्रदेश सरकार को अपने कार्यों में सुधार लाने की तथा प्रशासन को में कसावट लाने की जरूरत है।