जांजगीर-चांपा। जिला मुख्यालय जांजगीर से लगे गांवो की कृषि भूमि की खरीदी कर अवैध रूप से प्लाटिंग की जा रही है। अवैध प्लाट काटकर ऊंचे दामों पर बिक्री का खेल चल रहा है। कार्यवाही नहीं होने से भूमाफियाओ के हौसले बुलंद है।
गौरतलब है कि जिला मुख्यालय जांजगीर से लगे गांव पेंडरी,मुनूद, खोखसा, खोखरा, दर्राभाठा, बनारी सहित आसपास के गांव के निजी जमीन को कई भूमाफिया खेती करने के नाम पर खरीद तो लेते हैं। लेकिन इन जमीनो का उपयोग खेती करने के बजाय अलग अलग तरीके से जमीन को कई टुकडों में बांट दिया जाता है। अवैध रूप से प्लाटिंग कर जमीन को कई गुने दामो पर बेच भी दिया जाता है। इस तरह की स्थिति काफी लंबे समय से बनी हुई है, इसके बावजुद कार्रवाई नही होने से भुमाफियाओ के हौसले भी बुलंद
होते चले जा रहे है। कुछ साल पहले ऐसे भुमाफियाओ के खिलाफ जांजगीर और चाम्पा में कार्रवाई की गई थी। करीब पांच दर्जन भुमाफियायो के खिलाफ कार्यवाही कर मामला भी दर्ज किया गया था, लेकिन इसके बाद आगे कार्यवाही ठंडे बस्ते में चली गई है। बदलते समय के साथ साथ शहर की आबादी लगातार बढती ही जा रही है। उसके हिसाब से संसाधन कम होते चले जा रहे है। ऐसे में कई लोग अपने बच्चो को पढ़ाने लिखाने के साथ स्वरोजगार एवं नौकरी की तलाश में बड़ी संख्या में शहरी क्षेत्रो की ओर पलायन कर जाते है। ऐसे में उन्हे रहने के लिए जमीन की जरूरत पड़ती है। शहर में पहले से ही आकर कई लोग बस चुके होते है। ऐसे में घनी आबादी के बीच जमीन नही मिलता जिसके चलते कई लोग शहर से लगे आसपास गांव के जमीन की खरीदी करने को लेकर जुट जाते है। वही इन जमीनों की खरीदी भी कर लेते है। जिसके चलते इन जमीनों की कीमत लाखो रूपए डिसमिल हो जाती है। नियमो के तहत देखा जाए तो इन जमीनों का उपयोग खेती किसानी के कार्यों के लिए किया जाना रहता है, लेकिन भू माफिया अवैध प्लाटिंग कर कृषि भूमि को महंगे दामों पर बेच रहे है। कार्रवाई नहीं होने से भू माफियाओं के हौसले बुलंद है।