
इंदौर। शिलांग में इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या और उनकी पत्नी सोनम के लापता होने के मामले में पीडि़त परिवार ने मेघालय सरकार और वहां की पुलिस के ढीले रवैये पर गंभीर आरोप लगाए हैं।कारोबारी के भाई सचिन ने कहा कि मेघालय सरकार और पुलिस का व्यवहार ऐसा है, जैसे कुछ हुआ ही नहीं। वहीं, बहन सोनम की तलाश कर रहा गोविंद पुलिस के असहयोग के कारण थक चुका है।उसका कहना है कि शिलांग के एसपी और टीआइ ने उसका फोन उठाना बंद कर दिया है। राजा के भाई ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने शुरू से ही उचित व्यवहार नहीं किया। 17 दिन बाद भी राजा और सोनम की कॉल डिटेल्स उपलब्ध नहीं कराई गई है। सात दिन बाद भी राजा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं दी गई है।पुलिस ने होमस्टे से डीवीआर तब जब्त किया, जब परिवार ने सीसीटीवी फुटेज लीक करवाए। बता दें कि इंदौर के सहकार नगर निवासी राजा रघुवंशी पत्नी सोनम के साथ शिलांग हनीमून पर गए थे।23 मई को दोनों लापता हो गए। कई दिनों की तलाश के बाद राजा का शव बरामद हुआ, लेकिन सोनम का कोई सुराग नहीं मिला। सोनम की तलाश में गोविंद शिलांग में रुका हुआ है। राजा के भाई विपिन और सचिन ने सोनम की मानव तस्करी का संदेह जताया है।उनका कहना है कि इस क्षेत्र में पहले भी दंपती लापता हुए हैं। उन्हें शक है कि सोनम को बांग्लादेश में बेच दिया गया है। इस बीच, शिलांग के विधायक अमलारेम और लखमेन रिम्बुई ने भारत-बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा पर चिंता जताई है। इससे भी राजा के स्वजन के आरोपों को बल मिला है।रघुवंशी परिवार शुरू से मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग रहा है। इसके लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव गृह मंत्री अमित शाह से बात कर अनुरोध कर चुके हैं, लेकिन रविवार को मेघालय के पर्यटन मंत्री पाल लिंगदोह ने कहा कि सीबीआइ जांच की जरूरत नहीं है।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य या बाहर के किसी भी अपराधी को बचाना नहीं चाहती है, प्रयास जारी हैं और जल्द ही अपराधी पकड़े जाएंगे।इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। अध्यक्ष विजय राहतकर ने मेघालय के डीजीपी से आग्रह किया है कि वह ड्रोन निगरानी, खोजी कुत्तों और विशेष जांच टीमों के माध्यम से खोज कार्यों को तेज कर सोनम का पता लगाएं।उन्होंने सभी संभावित सुरागों की गहन जांच, फोरेंसिक विश्लेषण और आवश्यकता पडऩे पर जांच एजेंसियों से सहयोग लेने का भी सुझाव दिया है।