
लंदन, १४ जून ।
ईरान पर इजरायली कार्रवाई के बाद क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय नेताओं से वार्ता के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने कहा है कि पश्चिम एशिया में अस्थिरता पैदा करने के लिए ईरान जिम्मेदार है। उसने अनुचित परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाया है। साथ ही उन्होंने इजरायल से संयम बरतने का आग्रह भी किया। मैक्रों ने कहा कि ईरान परमाणु हथियार हासिल करने के महत्वपूर्ण बिंदु के करीब तक पहुंच गया है। वह बिना किसी नागरिक औचित्य के यूरेनियम का संवर्धन जारी रख रहा है और यह स्तर परमाणु हथियारों के लिए आवश्यक स्तर के बहुत करीब है।उन्होंने कहा कि अगर ईरान ने पूर्व की तरह इजरायल पर हमला किया तो फ्रांस इजरायल की रक्षा करेगा। हालांकि उन्होंने ईरान के विरुद्ध किसी ऑपरेशन में भाग लेने से इनकार किया। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीएर स्टार्मर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल-ईरान संघर्ष पर चर्चा की। स्टार्मर की प्रवक्ता ने बताया कि दोनों नेताओं ने कूटनाति एवं वार्ता के महत्व पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने बताया कि स्टार्मर ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में अपनी गहरी चिंता दोहराई। अमेरिका के प्रमुख सहयोगी इजरायल ने ईरान पर बड़े पैमाने पर हवाई हमला किया। हालांकि अमेरिका ने कहा कि वह हमले में शामिल नहीं रहा। जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ईरान ने परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिकी अल्टीमेटम का विरोध करके खुद हमले को आमंत्रित किया है। ट्रंप ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि इजरायल के हमले के बाद ईरान के पास परमाणु कार्यक्रम बचा है या नहीं। अमेरिका की ईरान से रविवार को परमाणु वार्ता की योजना है, लेकिन उन्हें यह यकीन नहीं है कि यह वार्ता होगी या नहीं।
ईरान के लिए समझौता करने में अभी भी देर नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि इजरायल ने हमले में अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल किया। ट्रंप ने एबीसी न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा, मुझे लगता है कि यह बहुत शानदार रहा। हमने उन्हें एक मौका दिया और उन्होंने इसे नहीं भुनाया। अभी बहुत कुछ होना बाकी है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान को यह चेतावनी भी दी कि बहुत देर होने से पहले तेहरान परमाणु समझौता कर ले। अमेरिका दुनिया में सबसे अच्छे और घातक सैन्य उपकरणों को बनाता है और इजरायल के पास ऐसे बहुत हथियार हैं। अब ईरान को समझौता करने के लिए दूसरा मौका दे रहा हूं, वह इसका लाभ उठाए। क्योंकि इजरायल का दूसरा हमला और ज्यादा भयावह होगा। उन्होंने बताया कि इजरायल ने हमले के बारे में व्हाइट हाउस को पहले ही बता दिया था। ट्रंप ने बताया कि उन्हें और उनकी टीम को ईरान पर हमला करने की इजरायल की योजना के बारे में सब कुछ पता था। उन्होंने तेहरान को समय रहते चेतावनी दी थी कि उसे अपने परमाणु कार्यक्रम पर समझौता करने की आवश्यकता है। ट्रंप ने कहा-हमें सब कुछ पता था। मैंने ईरान को अपमान और मौत से बचाने की कोशिश की। मैंने उसे बचाने की बहुत कोशिश की, क्योंकि मैं एक समझौते पर काम करते हुए देखना पसंद करता। इस बीच, अमेरिकी विदेश विभाग ने ईरान, इराक, इजरायल और जार्डन को लेकर अपने नागरिकों के लिए सुरक्षा अलर्ट जारी किया। मिसाइल हमले की आशंका जताते हुए उन्हें इन जगहों की यात्रा नहीं करने की सलाह दी है।