कोरबा। कुसमुंडा का रेलवे फाटक लम्बे समय से आम लोगो के लिए जी का जंजाल बनकर रह गया है । रेलवे फाटक को घंटो बंद करने से आम जनता को परेशानी तो होथी है । वही गर्मी के कारण जाम में फंसे रहने के आम जनता खासकर की महिलाएं गस खाकर गिर रही है । उस पर खदान में जाने वाली भारी वाहनों का जाल लोगो की जान के लिए खतरा बना हुआ है।
भारी वाहनों के चालक अपनी गाडिय़ों को खदान में एंट्री दिलवाने के लिए बेततिब ढंग से वाहनों को चौक में लगा रहे है । जिसपर स्थानीय पुलिस का कोई कंट्रोल नही है वाहन चालक पुलिस के होते हुए भी अपने वाहनों को एक के पीछे एक लगाने पर भरोसा नही कर रहे है।
रेलवे अपने मनमर्जी चलाते हुए फाटक को घंटो बंद कर देता है जिससे भारी वाहनों का जाल ईमलीछापर चौक में इस कदर लग जाता है ।
जिससे आम लोगो को पैदल चलना भी मुहाल हो जाता है। ऐसा कई बार हो चुका है कि भारी वाहनों के चपेट में आने से लोग बच चुके है । लेकिन इस बात से स्थानी पुलिस को कोई सरोकार नही है । कभी कभी ही पुलिस के जवान वाहनों को कंट्रोल करने नजर आते है । जिला प्रशासन रेलवे के अधिकारियों की मनमर्जी पर रोक लगाने पहल नहीं कर रहा है । जिससे रेल प्रबंधक फाटक को अपनी जरूरत के हिसाब से घंटो के लिए बंद कर वाहनों के जाम का कारण बना हुआ है । ये स्थिति एक दिन की नही है बल्कि हर रोज ऐसी स्थिति को देखा जा सकता है । जबकि रेल फाटक को बंद किये जाने का एक समय सीमा निर्धारित है जिसे रेल प्रबंधक द्धारा ही बनाया गया है । पर कुसमुंडा रेल फाटक में इन नियमो का पालन नही किया जा रहा है । जिसके कारण ईमलीछापर चौक में जाम की स्थिति निर्मित हो रही है।