मालखरौदा। अनुविभाग क्षेत्र के एक दर्जन से ज्यादा गांव आज भी पक्की सडक़ से वंचित हैं। ग्रामीणों को कीचड़ भरे रास्तों से होकर रोजमर्रा की जिंदगी गुजारनी पड़ रही है। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से अब तक मालखरौदा तहसील के इन गांवों को न तो प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना का लाभ मिला और न ही मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजना से जोड़ा गया।
शुरुआत में 1000 से ज्यादा आबादी वाले गांवों को प्रधानमंत्री योजना से जोड़ा गया था। बाद में 500 से अधिक जनसंख्या वाले गांवों को मुख्यमंत्री योजना में शामिल कर पक्की डामरी सडक़ बनाई गई। लेकिन पिछले कई वर्षों से एक भी गांव को इन योजनाओं में शामिल नहीं किया गया। किसी अन्य योजना से भी इन गांवों की सडक़ों को सुधारने की कोशिश नहीं हुई। पक्की सडक़ न होने से ग्रामीणों का शहर आना-जाना, रोजगार और व्यापार सब प्रभावित हो रहा है। शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जनप्रतिनिधियों ने अपने फंड का भी उपयोग नहीं किया, जिससे आज तक इन गांवों के रास्ते नहीं सुधर सके हैं। यह स्थिति चिंता का विषय है। पक्की सडक़ न होने से ग्रामीणों का शहर आना-जाना प्रभावित हो रहा है। 6ग्राम बेल्हाडीह से बड़े कोट तक का रास्ता बेहद खराब है। बरसात में बाइक चलाना भी मुश्किल हो जाता है।
सिंघरा से छोटे कोट-चिखली मार्ग की हालत भी खराब है। ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दी थी, फिर भी सडक़ नहीं बनी। 6नवापारा से बरभाठा-तेंदुमुड़ी मार्ग पर कई साल पहले गिट्टी और मुरुम डाली गई थी। अब यह रास्ता गड्ढों में बदल गया है। बीच में बगाननाला है, जहां पुल नहीं बना। बरसात में यह रास्ता कई दिन बंद रहता है। 6बड़े रबेली से जोगीडीपा बरभाठा की ओर जाने वाला मार्ग भी बरसात में बंद हो जाता है। ऐसे कई गांव हैं, जहां आज तक पक्की सडक़ नहीं बनी। जब तक बारहमासी सडक़ नहीं बनेगी, तब तक इन गांवों का विकास नहीं होगा।