
प्रिसा डायग्नोस्टिक सेंटर एवं अन्य दुकानों पर हो जाता है जाम
सीताराम नायक
चांपा। आधुनिक विकास के दौर में प्रदेश की अन्य शहरों की तरह चांपा शहर में भी विकास के आयाम गढ़े गए हैं जहां अन्य शहरों की देखा देखी शहर के मध्य मार्ग में डिवाइडर का निर्माण किया गया है ताकि सडक़ दुर्घटना में कमी आ सके। परंतु यह चांपा शहर के लिए उतना फायदेमंद साबित नहीं हो रहा है जितना अन्य शहरों में हो रहा है । क्योंकि यहां सडक़ के किनारे संचालित दुकानों के सामने पार्किंग के लिए पर्याप्त स्थान नहीं होने के कारण लोग सडक़ में ही गाड़ी पार्किंग करने लगे हैं जिसके कारण एक्सीडेंट होने की संभावना बनी रहती है।
ज्ञात हो कि चांपा शहर में हसदेव नदी के पास स्थित बाईपास सडक़ से लेकर रेलवे स्टेशन तक सडक़ चौड़ीकरण किए बगैर डिवाइडर का निर्माण कर दिया गया है जिसके कारण सडक़ के दोनों और रास्ता सकरा हो गया है। इससे सडक़ दुर्घटना आए दिन होते रहता है और लोगों को जान जाने का खतरा बना हुआ है। क्योंकि नगर पालिका परिषद चांपा द्वारा सडक़ चौड़ीकरण नहीं करने से एक ओर व्यापारी वर्ग जहां अपने सामानों को दुकान के सामने सडक़ तक रख देते हैं तो वहीं दूसरी ओर सामान खरीदने वाले एवं दुकानों में आने जाने वाले लोग दुकान के सामने अपनी वाहनों को रख देते हैं जिसके कारण आवागमन में भारी मुसीबतो का सामना करना पड़ता है।
यहां यह बताना सबसे जरूरी है कि हसदेव नदी के पास जहां से डिवाइडर शुरू होता है वहां छड़ सीमेंट एवं अन्य भारी वाहनों को व्यापारियों द्वारा सडक़ पर खड़ा कर दिया जाता है जिसके खड़े रहने से तथा उनके आगे पीछे करते रहने से सडक़ दुर्घटना आए दिन होते रहती है। कई बार छड़ सीमेंट से भरी वाहनों के कारण लोगों का जान जाने का डर होता है। इसी तरह लायंस चौक में भी अस्पताल एवं कपड़ा दुकानों के सामने वाहनों का जमवाड़ा होने के कारण दुर्घटना की संभावना प्रबल होती है। बरपाली चौक में भी होटल के सामने लोग अपनी वाहनों को यत्र, तत्र खड़ी कर देते हैं जिसके कारण आए दिन लोग वाहनों से टकराकर दुर्घटना ग्रसित हो रहे हैं। लोक निर्माण विभाग कार्यालय के समक्ष भी स्थिति सबसे खराब है जहां बेजा कब्जा होने के कारण कार्यालय में वाहनों का आवागमन मुश्किल हो जाता है वहीं मुख्य मार्ग में लोग आए दिन गिरते रहते हैं । ओम सिटी के पास संचालित प्रीसा डायग्नोस्टिक सेंटर में सबसे खराब हालात होता है यहां जगह कम होने की वजह से मरीज और उनके परिजन वाहनों को सडक़ में लाकर खड़ी कर देते हैं जिससे रोजाना लोग दुर्घटना ग्रसित हो रहे हैं ।
यहां रोजाना रास्ता जाम की स्थिति आ जाती है। यही हाल मारुति टाउनशिप के गेट के पास का है जहां यात्री बसें आकर सवारी भर्ती एवं उतारती हैं यह जगह एक तरह से बस स्टैंड बन गया है जहां 10-15 मिनट से अधिक बसों को खड़ी करके यात्रियों को चढ़ाया एवं उतर जाता है जिसके कारण कई बार लोग यहां दुर्घटना ग्रसित हो जाते हैं तथा लोगों का हाथ पैर टूट जाता है। इसी तरह थाना चौक के पास स्थित फूल माला के दुकान के पास का नजारा है जहां सडक़ कम चौड़ी होने के कारण आए दिन लोग आपस में टकराकर गिर रहे हैं ।
कहने को तो जिले में यातायात पुलिस संचालित है परंतु यह पुलिस केवल अवैध उगाही एवं वसूली में ही मगन है इन्हें यातायात व्यवस्था बनाने में जरा भी रुचि नहीं है।
यातायात पुलिस एवं चांपा स्थानीय पुलिस की अकर्मण्यता से आए दिन लोग मुख्य मार्ग में दुर्घटना ग्रसित हो रहे हैं । जो ना तो दुकानदारों को हिदायत दे रही है और ना ही राहगीरों को पार्किंग कहां करना है यह समझ पा रही है। सच कहा जाए तो चांपा में पुलिस विभाग की स्थिति केवल हरामखोरी में ही अधिक दिखाई देती है । विशेष कर डॉक्टर एवं मेडिकल स्टोर के सामने भीड़ अधिक होती है यहां आने जाने वाले ग्राहक अधिकतर आनन-फानन में सडक़ में ही वहां खड़ी कर देते हैं जिसके लिए पुलिस विभाग को विशेष ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि जांजगीर चांपा जिले में पुलिस विभाग की छवि अच्छी नहीं है यहां पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारी केवल उगाही में ही अधिक नजर आते हैं इससे लोगों की नजर में पुलिस विभाग एक बदनाम संस्था के रूप में छवि बन गई है। जिन जिन जगहों में सकरा है उन स्थानों को व्यवस्थित करने के लिए नगर पालिका परिषद चांपा को ध्यान देने की जरूरत है।