
सक्ती। सक्ती को जिला बनने का दर्जा मिलने के बाद भी मुख्यालय स्थित रेलवे स्टेशन की हालत नहीं सुधरी है। स्टेशन पर न छाया है, न साफ पानी, न ही साफ-सुथरे शौचालय। बुकिंग ऑफिस तक पहुंचने के लिए यात्रियों को तेज धूप में चलना पड़ता है। वहां किसी भी प्रकार की छाया की व्यवस्था नहीं है। गर्मी में सबसे ज्यादा जरूरत ठंडे पानी की होती है।
कुछ दिन पहले बुकिंग ऑफिस के पास एक व्यावसायिक संस्था ने वाटर कूलर लगवाया था। उससे पानी ही नहीं निकल रहा है। इसकी तरह प्लेटफार्म नंबर एक पर भी वाटर कूलर लगाया गया है। वहां से यात्रियों को ठंडा पानी मिल रहा है। प्लेटफार्म नंबर दो पर वाटर कूलर काम कर रहा है। लेकिन वहां छाया नहीं होने से यात्री धूप में खड़े होकर पानी पीने को मजबूर हैं। बिलासपुर जा रहे यात्रियों ने कहा कि पानी की जरूरत तो है, लेकिन धूप में जाने का मन नहीं करता। प्लेटफार्म नंबर दो पर छाया शेड लगाना जरूरी है। स्टेशन पर ऊंची सीढिय़ां हैं।
प्लेटफार्म नंबर एक और दो तक पहुंचने के लिए इन्हीं सीढिय़ों से गुजरना पड़ता है। बुजुर्गों के लिए यह और भी मुश्किल है। बच्चों और युवाओं की भी सांसें फूल जाती हैं। कई लोगों ने तो इसी वजह से ट्रेन से यात्रा करना बंद कर दिया है। शौचालयों की हालत भी खराब है। वहां हर समय गंदगी रहती है। प्लेटफार्म पर लगे पंखे भी कभी-कभी ही चलते हैं। रेलवे विभाग और जनप्रतिनिधियों की बेरुखी से यात्री रोजाना परेशान हो रहे हैं।