
नई दिल्ली 16 अप्रैल। भारत सरकार ने हाल ही में संसद में पारित वक्फ संशोधन विधेयक पर पाकिस्तान की तरफ से की गई टिप्पणी को प्रेरित व आधारहीन करार देते हुए मंगलवार को खारिज कर दिया है। कहा कि इस्लामाबाद को दूसरों को उपदेश देने के बजाय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने में अपने खुद के खराब रिकार्ड पर गौर करना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों में बोलने का कोई हक नहीं है। बेहतर होगा कि दूसरे देश पर टिप्पणी करने की जगह पाकिस्तान अपने यहां के अल्पसंख्यकों की स्थिति पर ध्यान दे। भारत की यह प्रतिक्रया पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से वक्फ विधेयक पर की गई टिप्पणी के बाद आया है। पिछले गुरुवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि भारत ने उक्त विधेयक मुसलमानों से उनकी संपत्तियों, उनके मस्जिदों आदि को छीन कर विस्थापित करने और अल्पसंख्यकों को हाशिये पर ढकेलने के लिए बनाया है। यह भारत के मुस्लिम समुदाय की आर्थिक व धार्मिक अधिकारों का भी हनन है।यह भी कहा था कि वक्फ विधेयक का पारित होना भारत में बढ़ते बहुसंख्यकवाद का प्रतीक है।
सिर्फ पाकिस्तान की सरकार की तरफ से ही यह बयान नहीं आया है बल्कि पाकिस्तानी मीडिया में भी वक्फ संशोधन विधेयक को खूब कवरेज दिया जा रहा है और इसे भारतीय मुसलमानों के अधिकारों के खिलाफ बताया जा रहा है।