
शिमला। हिमाचल प्रदेश में बुधवार को मानसून की भारी वर्षा ने तबाही मचा दी। प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हो गई जबकि कई बह गए। दो लोगों की मौत कांगड़ा और एक की चंबा में हुई। सबसे अधिक नुकसान कांगड़ा और कुल्लू ज्लिों में हुआ है।
20 के करीब मजदूरों के बह जाने की आशंका
कांगड़ा जिले के खनियारा में मनूनी खड्ड (छोटी नदी) में आई बाढ़ के कारण इंदिरा प्रियदर्शिनी जल विद्युत परियोजना में काम करने वाले 20 के करीब मजदूरों के बह जाने की आशंका है। अब तक दो लोगों के शव मिले हैं। बताया जा रहा है कि खड्ड में अवैज्ञानिक तरीके से मलबे की डंपिंग की गई थी। मजदूरों के शेड भी खड्ड के मुहाने पर बने थे। उधर, कुल्लू जिले में चार स्थानों पर बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है और तीन लोग बह गए। चंबा में पहाड़ी से गिर रहे पत्थरों से बचने के प्रयास में कार खाई में जा गिरी, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई। खनियारा में इंदिरा प्रियदर्शिनी जल विद्युत परियोजना में बारिश के कारण काम बंद था। यहां रह रहे करीब 280 मजदूर शेडों में व खड्ड के आसपास ही थे। इस बीच मनूनी खड्ड व नाले का बहाव मजदूरों के शेडों की तरफ हो गया।
अब तक दो मजदूरों के शव बरामद हुए
बहने वाले ज्यादातर मजदूर जम्मू-कश्मीर के रहने वाले बताए गए हैं। अब तक जिन दो मजदूरों के शव बरामद हुए हैं। उनकी पहचान नहीं हो सकी है। प्रशासन, स्थानीय लोग और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं। कांगड़ा के उपायुक्त हेमराज बैरवा और पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि यहां करीब 280 मजदूर रह रहे थे। इनमें से करीब 260 सुरक्षित हैं। कितने लोग पानी में बहे हैं, इसका पता लगाने के लिए एसडीआरएफ व अन्य टीमें मौके पर राहत बचाव कार्य कर रही हैं।