लातेहार, २6 मई ।
पुलिस ने पांच लाख रुपये के इनामी माओवादी कमांडर नक्सली मनीष यादव को मार गिराया है। रविवार देर रात से लेकर सोमवार सुबह तक चली पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में नक्सली मारा गया है। दस लाख रुपये का इनामी नक्सली कुंदन खरवार गिरफ्तार हुआ है।पुलिस ने मौके से दो एक्स.95 ऑटोमेटिक राइफल भी बरामद की है। यह मुठभेड़ महुआडांड़ थाना क्षेत्र के करमखाड़ और दौना के बीच जंगली इलाकों में हुई है।
मुठभेड़ के बाद पुलिस की ओर से सर्च अभियान चलाया जा रहा है। पलामू डीआईजी वाईएस रमेश ने नक्सली के मारे जाने की पुष्टि की है। लातेहार एसपी को सूचना मिली थी कि नक्सली कमांडर मनीष यादव अपने दस्ते के साथ महुआडांड़ थाना क्षेत्र के दौना और करमखाड़ के बीच जंगल में भ्रमणशील है।सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम गठित की गई और नक्सलियों की घेराबंदी का काम शुरू किया गया। इसी बीच पुलिस और नक्सलियों में मुठभेड़ हुई, जिसमें नक्सली कमांडर मनीष यादव को मार गिराया गया।मौके से एक नक्सली कुंदन को गिरफ्तार किया गया है। पलामू डीआईजी वाईएस रमेश ने बताया कि इलाके में सर्च अभियान जारी है। अभियान में लातेहार एस पी कुमार गौरव, अभियान एसपी राहुल देव बड़ाइक, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शिवपूजन बहेलिया, महुआडांड़ थाना प्रभारी मनोज कुमार, गारू थाना प्रभारी पारसमणी समेत जगुआर, सैफ, एसटीएफ, कोबरा, सीआरपीएफ के जवान शामिल हैं। मनीष यादव बिहार के गया के छकरबंधा का रहने वाला था। बूढ़ापहाड़ में मनीष यादव बिहार के इलाके का अंतिम टॉप कमांडर था।मनीष यादव बूढ़ा पहाड़ में पिछले एक दशक से सक्रिय रहा है। माओवादियों के दस्ते में मनीष यादव साधारण कैडर था, लेकिन धीरे-धीरे वह माओवादियों का सबजोनल कमांडर बन गया था।जिस इलाके में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है, उसी इलाके में मनीष की ससुराल भी बताई जाती है।
मनीष यादव लातेहार पलामू, गढ़वा, चतरा, बिहार के गया और औरंगाबाद में 50 से अधिक नक्सल हमले का आरोपित है।बिहार के इलाके में मनीष यादव सक्रिय था और फिर बाद में वह बूढ़ापहाड़ के इलाके में माओवादियों के दस्ते का सदस्य बन गया था। चर्चित कटिया मुठभेड़, जिसमें सीआरपीएफ जवान के पेट में बम प्लांट किया गया था और 13 जवान शहीद हुए थे। इस घटना का मनीष यादव आरोपित रहा है। वर्ष 2018-19 में गढ़वा के पोलपोल नक्सल हमला हुआ था, इस हमले में छह जवान शहीद हुए थे।
इस घटना का भी मुख्य आरोपित मनीष यादव रहा है।मुठभेड़ में मारा गया इनामी नक्सली मनीष यादव कभी एक करोड़ के इनामी अरविंद का बॉडीगार्ड हुआ करता था।अरविंद के साथ एके-47 लिए हुए मनीष यादव की फोटो वायरल भी हुई थी। वर्ष 2018 में बूढ़ापहाड़ इलाके में बीमारी से अरविंद की मौत हो गई थी।अरविंद की मौत के बाद मनीष यादव बूढ़ापहाड़ इलाके में बना रहा और बाद में वह सबजोनल कमांडर बन गया।मनीष यादव बूढापहाड़ से लेकर बिहार के छकरबंधा कॉरिडोर का सबसे बड़ा कुरियर था। इसके मारे जाने को पुलिस की बड़ी सफलता मानी जा रही है।