
बलरामपुर। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले सहित झारखंड के अलग-अलग इलाकों में बड़ी नक्सल वारदातों में शामिल रहे माओवादी राजेंद्र सिंह खैरवार उर्फ दिलीप जी उर्फ विश्वनाथ को सामरीपाठ पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। उसे झारखंड के गढ़वा से घेराबंदी कर पकड़ा गया। पुलिस के अनुसार वह नक्सली संगठन में एरिया कमांडर रहते हुए हत्या, लूट, मारपीट, अपहरण सहित अन्य कई आपराधिक प्रकरणों में शामिल रहा है।
गौरतलब है कि 18 मार्च को सबाग से चुनचुना पुन्दाग पुलिस व सीआरपीएफ बल के आने-जाने वाले रास्ते पर एक टिफिन बम बरामद कर डिफ्यूज किया गया है। इसे फोर्स को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से नक्सलियों द्वारा लगाया गया था। इस मामले में सामरी पाठ थाने में अपराध दर्ज कर जांच की जा रही थी।
इस प्रकरणके निराकरण हेतु एसपी वैभव बेंकर व एएसपी विश्व दीपक त्रिपाठी के दिशा निर्देशन तथा एसडीओपी इम्मानुएल लकड़ा के नेतृत्व में एक टीम को झारखंड भेजा गया।
पुलिस टीम ने यहां उक्त प्रकरण के आरोपी माओवादी राजेन्द्र सिंह खैरवार उर्फ दिलीप जी उर्फ विश्वनाथ पिता स्व. राजबली उम्र 40 वर्ष निवासी उदयपुर याना रमकण्डा जिला गढ़वा झारखण्ड को घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया। कार्रवाई में थाना प्रभारी निरीक्षक विजय प्रताप सिंह, प्रधान आरक्षक 26 जेम्स लकड़ा, आरक्षक कृष्णा मरकाम व आदित्य कुजूर शामिल रहे। पूछताछ में आरोपी राजेंद्र ने बताया कि वह वर्ष 2000 में पीपुल्स वार ग्रुप नक्सल संगठन में कमांडर स्व. खुदी सिंह के साथ शामिल होकर एरिया कमाण्डर एवं सबजोनल कमाण्डर के पद पर सशस्त्र दल में सक्रिय था। वह वर्ष 2015 तक भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी माओवादी नक्सली संगठन का कार्य किया। बीच-बीच में दो बार जेल में भी निरूद्ध रहा। शेष अवधि में नक्सली दस्ते के साथ रहते हुए कई वारदात को अंजाम दिया। वर्ष 2000 से 2002 के मध्य वह थाना भण्डरिया के ग्राम मरदा बरगड़ में पुलिस के साथ मुठभेड़, थाना रंका में चिनिया घाट मुठभेड़ में भी शामिल था। वहीं छत्तीसगढ़ के चांदो थाना के गाम शाहपुर में पुलिस से मुठभेड़ के तथा ग्रामीणों की हत्या किया, ग्राम चन्दन नगर में एहसान मियां एवं उमर फारूख की पिटाई , गाम भंवरमाल के भागीरथी गुप्ता की बन्दूक को लूटने, ग्राम महावीरगंज में मुमताज मियां व दीक्षित का बंदूक लूटने, बुलगांव के कुवंर सिंह के घर में घुसकर पिटाई करने, रामचन्द्रपुर थाना के ग्राम हरिहरपुर में मोबाईल टावर जलाने, हासनदाग घाट में गोलीबारी कर विस्फोट से एसडीओपी की गाड़ी जलाने, आईजी के उपर उचरवा में गोली चलाकर आहत करने तथा कन्हर नदी के पास पुलिस पर गोली चलाने में शामिल रहा है। इसके अलावा चांदो थाना के बन्दरचुआं में बम लगाने में तथा आमाझरिया पुन्दाग में घात लगाकर 03 जवानों की हत्या व 06 को घायल करने सहित दोनों राज्यों में आगजनी, मारपीट, पुलिस पार्टी पर विस्फोट कर हमला के प्रकरणों में शामिल रहा है।