
नईदिल्ली।बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस शेख हसीना द्वारा भारत से दिए जा रहे ऑनलाइन भाषण को लेकर काफी नाराज हैं। शेख हसीना अपने भाषण के जरिए लगातार यूनुस सरकार की नाकामियां दुनिया के सामने ला रही हैं।अब मोहम्मद यूनुस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि भारत से अनुरोध किया था कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के ऑनलाइन भाषणों पर अंकुश लगाई जाए, जिसे दरकिनार किया गया और इस वजह से पूरे बांग्लादेश में गुस्सा भडक़ रहा है।हाल ही में लंदन में चैथम हाउस में एक चर्चा के दौरान बोलते हुए यूनुस ने पीएम मोदी से हुई मुलाकात और बातचीत को याद किया। उन्होंने कहा, जब मुझे प्रधानमंत्री मोदी से बात करने का मौका मिला, तो मैंने इस इतना कहा कि आप उनकी मेजबानी करना चाहते हैं, मैं आपको उस नीति को छोडऩे के लिए मजबूर नहीं कर सकता, लेकिन कृपया हमें यह सुनिश्चित करने में मदद करें कि वह बांग्लादेशी लोगों से उस तरह बात न करें, जिस तरह वो कर रही हैं। मोहम्मद यूनुस ने निराशा जताते हुए कहा कि शेख हसीना भारत में बैठकर ऐलान करती हैं कि वह इस दिन, इस समय, इस घंटे बोलेंगी और पूरा बांग्लादेश भडक़ जाता है। वह इस पूरे क्रोध को अपने अंदर क्यों रख रही हैं। यूनुस ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी से हस्तक्षेप करने और शेख हसीना को आगे कई बयान देने से रोकने के लिए कहा था, जिस पर भारतीय प्रधानमंत्री ने कथित तौर पर जवाब दिया, यह सोशल मीडिया है, आप इसे नियंत्रित नहीं कर सकते हैं। चैथम हाउस में जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत वही कर रहा है जिसकी बांग्लादेश को उम्मीद थी, तो यूनुस ने बिना किसी हिचकिचाहट के जवाब दिया नहीं। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश ने भारक सरकार को पत्र लिखकर हसीना के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है और कानूनी कार्यवाही पहले से ही चल रही है। मोहम्मद यूनुस ने कहा, न्यायाधीकरण ने सुनवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हमारी सरकार ने शेख हसीना को उनके द्वारा किए गए अपराधों के लिए नोटिस भेजा है, लेकिन इसका अभी तक जवाब नहीं दिया गया है।
अगस्त 2024 से शेख हसीना के पद से हटाए जाने के बाद जब उन्होंने भारत में शरण लिया, तभी से बांग्लादेश और भारत के बीच रिश्ते में तनाव आ गया। लेकिन यूनुस ने इस बात पर भी जोर दिया कि बांग्लादेश अभी भी भारत के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंध चाहता है।