नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य छोटे नोटों को प्रचलन में लाना और डिजिटल लेनदेन के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं कि कम मूल्य की मुद्रा का उपयोग अधिक से अधिक किया जाए। दो हजार रुपये के नोट लगभग पूरी तरह से प्रचलन से बाहर हो चुके हैं, और अब केवल 0.02 प्रतिशत नोट ही बैंकिंग प्रणाली से बाहर हैं।

निर्मला सीतारमण ने कही ये बात

निर्मला सीतारमण डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन (एसपीएमआरएफ) द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय स्मृति सम्मेलन में ‘कार्य संपत्ति और कल्याण : जन-प्रथम अर्थव्यवस्था की ओर’ विषय पर बोल रही थीं। सम्मेलन का आयोजन एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद व्याख्यानों की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर किया गया था।

मोदी सरकार ने रक्षा उत्पादों के भारतीयकरण पर जोर दिया

निर्मला ने कहा कि मोदी सरकार की हर नीति में एकात्म मानववाद की झलक देखने को मिलती है। निर्मला ने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने पूंजीवाद और साम्यवाद के बीच संतुलन स्थापित करने का प्रयास किया, और इसी आधार पर यह सरकार चल रही है। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद मोदी सरकार ने रक्षा उत्पादों के भारतीयकरण पर जोर दिया है, जिसका उदाहरण ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखने को मिला। इसके साथ ही, रोजगार मेला, एमएसएमई के लिए आसान ऋण और लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए अन्य प्रयास भी सरकार के प्रमुख लक्ष्यों में शामिल हैं।

भारतीय चिंतन के आधार पर युगानुकूल व्यवस्था खड़ी करना भाजपा का उद्देश्य : अरुण कुमार

इससे पहले उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने कहा कि भाजपा का उद्देश्य केवल सत्ता प्राप्त करना नहीं है, बल्कि भारतीय चिंतन के आधार पर युगानुकूल व्यवस्था स्थापित करना है।