वित्त वर्ष के अंतिम महीने 47 प्रकरणों में कार्रवाई
कोरबा। खनिज संसाधन के मामले में छत्तीसगढ़ में काफी मजबूत स्थान रखने वाले कोरबा से खनिज उत्पादन से मिलने वाली रॉयल्टी का दायरा हर वर्ष बढ़ता जा रहा है। मुख्य खनिज कोयला के अलावा गोद खनिज से भी विभाग को अच्छा राजस्व मिल रहा है। गौण खनिज के अवैध दोहन और परिवहन को लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है। ऐसे मामलों को लेकर विभाग कि मैदानी टीम उरगा से लेकर कटघोरा तक मॉनिटरिंग करने में लगी है।
कोरबा जिले में कोयला खदानों का दायरा 40 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इसके साथ ही खदानों के विस्तार का काम भी अंडर प्रोसेस है। दूसरी और गौण खनिज में शामिल रेत की खदानें विभिन्न क्षेत्रों में संचालित हो रही है। खबर के अनुसार लगातार इस प्रकार की शिकायतें सामने आ रही थी कि कुछ इलाकों से रेत के अनुचित दोहन के साथ उसका परिवहन किया जा रहा है। डिप्टी डायरेक्टर माईनिंग प्रमोद नायक ने बताया कि ऐसे मामलों पर मॉनिटरिंग करने के लिए हमने पूरी टीम बना रखी है जो ऊरगा से लेकर कटघोरा तक अपना काम करती है। बताया गया कि इसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं। पिछले वित्त वर्ष के अंतिम महीने यानी मार्च में ऐसे 47 प्रकरण बनाए गए और संबंधितों पर पेनल्टी की गई। गाडिय़ा भी जब्त की गई।
डिप्टी डायरेक्र्ट ने बताया कि वर्तमान स्थिति में कोरबा जिले में 20 रेत घाट स्वीकृत है और इनमें से 16 संचालन की स्थिति में है। कोशिश यही है कि लोगों की सहूलियत के लिए सभी स्वीकृत रेट घाटों का संचालन हो। किसी भी स्थान से अनुचित कार्यों को न चलने दिया जाए , इसके लिए भी प्रशासन के साथ संबंध में बनाते हुए लगातार कार्रवाई की जा रही है। प्रधानमंत्री आवास के मामलों में रेत उपलब्धता को लेकर नियमों को फ्लेक्सिबल किए गए हैं।
डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि कोरबा जिले में कटघोरा सबडिवीजन के अंतर्गत भूगर्भ में लिथियम का स्टोर होने की संभावनाओं का पता चला है। 50 एकड़ क्षेत्र में इसकी उपलब्धता की जानकारी है। इस आधार पर एक एजेंसी को सर्वेक्षण की जिम्मेदारी दी गई है। आगामी दिनों में यह काम शुरू होना है और निर्धारित प्रक्रियाओं के बाद इस दिशा में आगे बढ़ा जाएगा। बताया गया कि अगर यह प्रयोग सफल रहा और यहां से व्यावसायिक आधार पर उत्खनन का कार्य शुरू होता है तो निश्चित रूप से कोरबा जिले में खनिज राजस्व का ग्राफ वर्तमान की तुलना में बहुत ज्यादा होगा।