जांजगीर-चांपा। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर चांपा शहर के कोने-कोने में बिक रहा महुआ शराब आपको बताते चलें इसके सेवन में हो रही वृद्धि एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। महुआ शराब, जो पारंपरिक रूप से गांवों में बनाई जाती है, अब अवैध तरीके से शहरों में भी बिक रही है। इस शराब के बढ़ते सेवन से न केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है, बल्कि इससे समाज में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। महुआ शराब का निर्माण महुआ फूल से किया जाता है, जिसे ग्रामीण इलाकों में आमतौर पर शराब बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। हालांकि यह शराब पूरी तरह से अवैध है, लेकिन इसके निर्माण और बिक्री का सिलसिला गांवों से शहरों तक फैल चुका है महुआ शराब का सेवन मुख्य रूप से गरीब और मजदूर वर्ग के लोग करते हैं। इसका आकर्षण उसकी सस्ती कीमत और आसानी से उपलब्धता है। यह शराब खासकर सर्दियों के मौसम में ज्यादा बिकती है। शराब की तस्करी और अवैध निर्माण में शामिल लोग इसे शहरों तक पहुंचाने के लिए विभिन्न रास्तों का उपयोग करते हैं, जिससे प्रशासन के लिए इसे नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप, महुआ शराब का
सेवन बढ़ता जा रहा है, और इसके दुष्प्रभाव से कई सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। आबकारी विभाग इस पर कार्रवाई करने के लिए कई प्रयास कर चुका है, लेकिन विभाग की कोशिशें प्रभावी नहीं हो पा रही हैं। महुआ शराब के अवैध व्यापार को रोकने के लिए कई बार छापेमारी की गई, लेकिन विक्रेता हर बार अपनी गतिविधियों को बदलने में सफल हो जाते हैं। यह अवैध शराब बड़े पैमाने पर शहरों के विभिन्न इलाकों में बिक रही है, लेकिन आबकारी विभाग की कार्रवाई में सफलता की दर कम है। विभाग की नाकामी के कारण, महुआ शराब के विक्रेता बिना किसी डर के अपना व्यापार जारी रखते हैं, और कानून-व्यवस्था की स्थिति कमजोर हो जाती है।
महुआ शराब के सेवन से कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। शराब के अत्यधिक सेवन से लीवर की बीमारियों, मानसिक समस्याओं, और अन्य शारीरिक समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, यह शराब हिंसा, घरेलू विवादों और सडक़ दुर्घटनाओं का कारण भी बन रही है। समाज में इसके कारण
अपराध और सामाजिक असंतोष भी बढ़ रहा है, जिससे स्थिति और गंभीर हो रही है।इस समस्या का समाधान तभी संभव है, आबकारी विभाग को अपनी कार्रवाई को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। इसके अलावा, समाज में जागरूकता फैलाना भी महत्वपूर्ण है ताकि लोग महुआ शराब के दुष्प्रभावों को समझ सकें और इसके सेवन से बच सकें। इसके साथ ही, वैध शराब की बिक्री और सख्त नियंत्रण भी महुआ शराब की अवैध बिक्री को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं निकाला गया, तो यह समाज में और भी अधिक विकृति उत्पन्न कर सकता है। इसलिए, प्रशासन, समाज और पुलिस को मिलकर महुआ शराब के अवैध व्यापार को रोकने और इसके दुष्प्रभावों को कम करने के लिए सख्त कदम उठानी चाहिए।