सियोल। दक्षिण कोरिया के लिबरल विपक्षी उम्मीदवार ली जे-म्यांग को बुधवार को राष्ट्रपति चुन लिया गया। उन्हें बुधवार को ही राष्ट्रपति पद की शपथ दिला दी जाएगी। बचपन में मजदूरी करने से लेकर राष्ट्रपति पद तक पहुंचने की उनकी जीवन यात्रा प्रेरणादायक है।म्यांग की जीत से दक्षिण कोरिया में पिछले कई महीनों से चल रही राजनीतिक उथल-पुथल का दौर थमेगा। इस वर्ष की शुरुआत में देश में मार्शल लॉ लगाने के कारण तत्कालीन राष्ट्रपति यून सुक योल को अप्रैल में पद से हटा दिया गया था, जिसके बाद यह चुनाव कराया गया। चुनाव आयोग के बुधवार के आंकड़ों के अनुसार 99.2 प्रतिशत मतों की गिनती हो चुकी है। ली जे-म्यांग को 49.3 प्रतिशत वोट मिले हैं। कंजरवेटिव उम्मीदवार किम मून सू को लगभग 42 प्रतिशत वोट मिले। मून ने हार स्वीकार कर ली है और म्यांग को चुनाव जीतने के लिए बधाई दी है।दक्षिण कोरिया में मंगलवार को राष्ट्रपति पद के लिए मतदान हुआ। इसके बाद देश के तीन प्रमुख टीवी चैनलों केबीएस, एमबीसी और एसबीएस द्वारा किए गए एक्जिट पोल में म्यांग को 51 प्रतिशत से ज्यादा मत मिलने का अनुमान लगाया। पीपीपी उम्मीदवार मून को करीब 39 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान लगाया है। म्यांग ग्योंगगी प्रांत के गवर्नर और सियोंगनाम शहर के मेयर रह चुके हैं। मुख्य कंजरवेटिव उम्मीदवार किम मून सू ने राष्ट्रपति चुनाव में अपनी हार स्वीकार कर ली थी। पीपुल पावर पार्टी (पीपीपी) के उम्मीदवार किम मून सू ने प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि वह लोगों की पंसद को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करते हैं और चुनाव जीतने के लिए अपने प्रतिद्वंद्वी ली जे-म्यांग केा बधाई देते हैं।