कोलकाता, 03 जून ।
कोलकाता से टेरर फंडिंग के तार जुड़े होने का पता चला है। पहलगाम हमले से पहले कोलकाता के मुस्लिम बहुल इलाका मोमिनपुर की एक दुकान से पाकिस्तानी एजेंट होने के संदेह में गिरफ्तार केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सहायक उपनिरीक्षक मोतीराम जाठ के खाते में करीब 55 हजार रुपये जमा हुए थे।एनआईए की जांच में यह सनसनीखेज जानकारी सामने आई है। कोलकाता के तपसिया के होटल कर्मी मोहम्मद वकील से पिछले दिनों एनआईए कार्यालय में पूछताछ की गई। पता चला है कि एंटाली निवासी वकील पूर्व सैन्यकर्मी है। वकील ई-वालेट के जरिए मोतीराम को पैसे भेजता था।एनआईए का मानना है कि पैसे पाकिस्तानी हैंडलरों के जरिए गए हैं। एनआईए ने मोमिनपुर स्थित दुकान की तलाशी ली। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को पता चला कि दुकान मालिक ने मोतीराम को चार किस्तों में 22,000 रुपये, 13,500 रुपये, 15,000 रुपये और 5,000 रुपये भेजे थे। एनआईए यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि यह पैसा हवाला के जरिए तो नहीं गया। दुकान मालिक से सोमवार को पूछताछ की गई है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक इस संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा है कि दुकान मालिक किसी तरह से अप्रत्यक्ष रूप से जासूसी गतिविधियों में शामिल है। एनआईए सूत्रों के अनुसार, दुकान के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है ताकि पता लगाया जा सके कि मोमिनपुर स्थित दुकान में कौन लोग पैसा जमा करने जाते थे। वहीं, एनआईए ने कोलकाता स्थित एक टूर एंड ट्रैवल फर्म के मालिक मसूद आलम से पूछताछ की है।एजेंसी को इस फर्म के व्यावसायिक खाते से विभिन्न आतंकी संगठनों के खातों में धनराशि स्थानांतरित किए जाने की सूचना मिली थी।