
कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के कटघोरा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एक ओर जहां अपने बेहतर इलाज और चिकित्सकीय सेवाओं के लिए जाना जाता है, वहीं दूसरी ओर यहां की अव्यवस्थाएं मरीजों और उनके परिजनों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी हैं। गर्मी के इस तीव्र मौसम में अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी देखने को मिल रही है, जिससे अस्पताल आने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
गर्मी के इस भीषण दौर में अस्पताल परिसर में ठंडे पानी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। परिसर में वर्षों पहले लगाया गया वाटर कूलर लंबे समय से खराब पड़ा है, जिसे अब तक मरम्मत नहीं कराया गया है। परिणामस्वरूप, मरीजों और उनके परिजनों को तपती धूप में गर्म पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। पानी की इस बुनियादी जरूरत की अनदेखी स्वास्थ्य केंद्र की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है।
अस्पताल में स्वच्छता की स्थिति भी बेहद चिंताजनक है। परिजनों और स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल के शौचालयों की समय-समय पर सफाई नहीं की जाती, जिससे वहां हमेशा गंदगी और दुर्गंध फैली रहती है। यह न सिर्फ मरीजों के लिए कष्टदायक है, बल्कि संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ा देता है। स्वच्छ भारत मिशन के दावों के विपरीत यह स्थिति प्रशासन की लापरवाही को दर्शाती है।
वार्डों में मरीजों के लिए कूलर तो लगाए गए हैं, लेकिन उनमें पानी नहीं डाला जाता, जिससे वे गर्म हवा फेंकते हैं और मरीजों की हालत और खराब हो जाती है। गर्मी से राहत दिलाने के बजाय यह कूलर एक औपचारिकता मात्र बनकर रह गए हैं। इस स्थिति में खासकर बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और छोटे बच्चों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है।
स्थानीय लोगों और मरीजों के परिजनों ने स्वास्थ्य केंद्र में मिल रही चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता की सराहना जरूर की है। चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ का व्यवहार संतोषजनक बताया गया है। लेकिन सुविधाओं के अभाव में यह अच्छी सेवा भी फीकी पड़ जाती है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि अस्पताल में जल्द से जल्द ठंडे पानी की व्यवस्था की जाए, वाटर कूलर की मरम्मत हो, शौचालयों की नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए और कूलरों को कार्यशील बनाया जाए।
कटघोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैसी महत्वपूर्ण संस्था में सुविधाओं की यह कमी चिंता का विषय है। सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की तमाम कोशिशों के बावजूद जमीनी स्तर पर इन मूलभूत समस्याओं को दूर करना आज भी बड़ी चुनौती बना हुआ है। प्रशासन यदि समय रहते उचित कदम उठाता है, तो निश्चित रूप से यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों को राहत मिल सकती है और स्वास्थ्य केंद्र की छवि और भी बेहतर हो सकती है।