लखनऊ, 05 जून ।
गंगा दशहरा पर अयोध्या के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। आज राम मंदिर परिसर में राजाराम समेत आठ देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूरी भव्यता से सम्पन्न हुआ। रामनगरी के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय उस समय जुड़ गया, जब बृहस्पतिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने भव्य मंदिर में राजा राम की प्राण प्रतिष्ठा की। सभी दिशाओं से वैदिक मंत्रों की ध्वनि गूंज रही थी। ब्रह्ममुहूर्त से ही मंदिर प्रांगण में पंडितों, आचार्यों और संतों का समवेत स्वर, शंखध्वनि और हवन की महक ने एक आध्यात्मिक वातावरण रच दिया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति ने इस गरिमामयी क्षण को और भी दिव्य बना दिया। मुख्यमंत्री ने सभी देव विग्रहों का अभिषेक किया। इसके बाद राम दरबार की मूर्ति से आवरण हटाया गया। राजा राम का आभूषणों से भव्य श्रृंगार किया गया। इस दौरान अयोध्या के 19 संत धर्माचार्य भी मौजूद रहे। इसके अलावा ट्रस्ट, संघ व विहिप के पदाधिकारी भी मौजूद रहे। इससे पहले सीएम ने हनुमानगढ़ी में भी दर्शन पूजन किया। अयोध्या में राम दरबार समेत आठ विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राम की नगरी में मौजूद हैं।
यहां पहुंचकर उन्होंने सबसे पहले हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन किया और फिर रामलला के दरबार पहुंचे। जहां आरती में शामिल हुए। इसके बाद वह राम मंदिर के प्रथम तल पर आयोजित प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पहुंचे और अनुष्ठान में भाग लिया। इसके साथ ही तय समय पर राम दरबार का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अयोध्या पहुंच गए हैं। उनका हेलीकॉप्टर रामकथा पार्क में उतरा। प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही और अन्य जनप्रतिनिधियों ने उनकी अगवानी की। यहां से वह हनुमानगढ़ी में दर्शन करने और रामलला के दरबार में हाजिरी लगाने जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, आज का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण और पावन दिन है। गंगा दशहरा की पावन तिथि है आज ही के दिन मां गंगा का उतरन इस धरा पर हुआ था…आज ये पावन तिथि महाराज भगीरथ के बाद इस कार्य को अविरल और निर्मल गंगा के नाम पर नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से पीएम मोदी ने देशवासियों को दिया। हम इसके लिए पीएम मोदी के आभारी हैं।
आज विश्व पर्यावरण दिवस भी है पूरी दुनिया पर्यावरण के कठिन चुनौतियों से जूझ रही है। ये चुनौती मनुष्य द्वारा ही निर्मित चुनौती है और इसके समाधान का मार्ग भी मनुष्य को ही उठाना पड़ेगा और इसलिए पीएम मोदी ने पूरे भारतवासियों को आह्वान किया है कि इन चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें प्रकृति के साथ एक समन्वय और संवाद बनाना पड़ेगा। इस समन्वय और संवाद का नाम उन्होंने एक पेड़ मां के नाम दिया। आज उत्तर प्रदेश में इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई है। एक पेड़ मां के नाम ये कार्यक्रम आज से लेकर लगातार चलेगा और 23 जून को इसका एक बेहद रूप प्रदेश में देखने को मिलेगा…35 करोड़ से अधिक वृक्षारोपण का लक्ष्य हम लोगों ने इस बार भी रखा है ये क्रम 15 अगस्त तक लगातार चलेगा..