जांजगीर चांपा। विधायक ब्यास कश्यप ने संचालक लोक शिक्षा को पत्र लिखकर जांजगीर चांपा जिले के सभी अतिशेष शिक्षकों को जिले में ही समायोजित करने की मांग की है । अपने रायपुर प्रवास के दौरान लोक शिक्षण संचालनालय के उपसंचालक अशोक नारायण बंजारा से मुलाकात कर उन्हें जांजगीर चांपा जिले में युक्ति युक्तकरण में की गई घोर अनियमितताओं से अवगत कराया तथा इसके दोषी अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की मांग भी की। संचालक को लिखे पत्र में उन्होने लिखा है कि जिला जांजगीर में शिक्षकों के युक्ति युक्तकरण में नियमों की अवहेलना की गई है।
उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देश का हवाला देते हुए लिखा है कि नियम में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जितने अतिशेष शिक्षक होंगे उतने रिक्त पद दर्शित किए जाएं। शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय विद्यालय में पदांकन के पश्चात अधिक दर्ज संख्या वाले स्कूलों में शिक्षकों को पदस्थ किया जाए। लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा इस नियम का पालन नहीं किया गया। काउंसलिंग के दौरान जिले में अधिक दर्ज संख्या वाले स्कूलों में रिक्त पद नहीं दिखाया गया। जिसके कारण जिले के 110 शिक्षकों को जिले से बाहर जाना पड़ गया। कई व्याख्याता भी जिले से बाहर हो रहे हैं। आगे उन्होंने लिखा है कि मिडिल स्कूलों में शिक्षक की नियुक्ति के लिए राजपत्र में संशोधन कर विषय बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है। अभी भी जांजगीर चांपा जिले में अंग्रेजी विषय के 81 एवं अन्य विषयों सहित कुल 113 पद रिक्त हैं लेकिन इन पदों पर अतिशेष शिक्षकों को समायोजित करने के बजाय उन्हें संयुक्त संचालक बिलासपुर भेज दिया गया जिसके फलस्वरूप उन्हें अन्य जिलों में दूरस्थ स्कूलों में पदस्थ कर दिया गया है जहां वे पुन: अतिशेष के दायरे में हैं।
उन्होंने जांजगीर चांपा जिले में की गई युक्ति युक्तकरण की प्रक्रिया को विसंगतिपूर्ण बताते हुए इसे निरस्त कर नियमानुसार पुन: काउंसलिंग कराने की मांग की है। साथ ही युक्ति युक्तकरण में गंभीर अनियमितता के लिए उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी अश्वनी भारद्वाज को आड़े हाथों लेते हुए उन्हें निर्णय लेने में अक्षम बताते हुए नियमों की अवहेलना व शासकीय निर्देश का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए उनके विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की मांग की है।