ईरान, १५ जून ।
इजरायल और ईरान के बीच का टकराव और बढ़ता जा रहा है। गुरुवार रात से ही दोनों देश एक-दूसरे के खिलाफ ड्रोन हमले कर रहे हैं। इजरायल ने ईरान के रक्षा मंत्रालय को निशाना बनाने का दावा किया है। ईरान के कई बड़े ऑयल डिपो और गैस रिफाइनरी पर मिसाइलें दागी गई हैं। इसके बाद ईरान की ओर से उत्तरी इजरायल पर बीती रात मिसाइल से ताबड़तोड़ हमले किए गए। इस हमले में 7 लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक बच्चा भी शामिल है। मध्य इजराइल के क्षेत्रों में अब तक ईरान से किए गए हमले में 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इसी बीच ईरान ने गैस उत्पादन को आंशिक रूप से निलंबित कर दिया है। यह जानकारी अर्ध-सरकारी समाचार एजेंसी तस्नीम ने दी। ईरानी तेल मंत्रालय ने बताया कि हमले के कारण आग लग गई, जिसे बुझा दिया गया है। तस्नीम ने बताया कि साउथ पारस के फेज 14 की चार गैस फील्ड में से एक में आग लग गई, जिससे 12 मिलियन क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन रुक गया। ईरान प्रति वर्ष लगभग 275 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) गैस का उत्पादन करता है, जो वैश्विक गैस उत्पादन का लगभग 6.5 प्रतिशत है। वह इसका उपभोग घरेलू स्तर पर ही करता है, क्योंकि प्रतिबंधों के कारण वह गैस का निर्यात नहीं कर सकता है। ईरान इस क्षेत्र को कतर के साथ साझा करता है, जिसे कतर नॉर्थ फील्ड कहता है। कतर एक्सॉन और शेल जैसी वैश्विक बड़ी कंपनियों की मदद से इस क्षेत्र से 77 मिलियन टन तरलीकृत गैस का उत्पादन करता है और यूरोप और एशिया को गैस की आपूर्ति करता है। गुरुवार देर रात इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए। इजरायल ने इस कार्रवाई ऑपरेशन राइजिंग लायन नाम दिया है। इजरायल ने दावा किया है कि अगर ईरान परमाणु बम बनाने में सफल हो जाएगा तो यह इजरायल के लिए खतरा साबित होगा। इजरायल का कहना है कि ईरान अपने परमाणु हथियार का इस्तेमाल इजरायल को अस्तित्व से मिटाने के लिए उपयोग कर सकता है। इजरायल की कार्रवाई के बाद ईरान ने भी पलटवार किया। ईरान की ओर से 100 से ज्यादा ड्रोन इजरायल पर दागे गए। हालांकि, इजरायल के एअर डिफेंस सिस्टम ने ज्यादातर ड्रोन को आसमान में ही मार गिराया।