नई दिल्ली। ईरान की संसद ने बुधवार को एक बिल पारित किया। ईरान ने संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था यानी अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ संबंध तोड़ने और सहयोग निलंबित करने का फैसला किया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने आउटलेट नूरन्यूज के हवाले से यह जानकारी दी है। रिपोर्ट के अनुसार, इस कदम को लागू करने के लिए ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की भी अंतिम मंजूरी जरूरी है। यह कदम तब उठाया गया है, जब ईरान इजरायल के साथ 12 दिनों की जंग लड़ चुका है।

तेहरान के तस्नीम समाचार एजेंसी ने सोमवार (22 जून 2025)  को समिति के प्रवक्ता इब्राहिम रेजाई का हवाला देते हुए बताया कि विधेयक के अनुसार, निगरानी कैमरे लगाना, निरीक्षण की अनुमति देना और IAEA को रिपोर्ट पेश करना तब तक निलंबित रहेगा, जब तक परमाणु सुविधाओं की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जाती। हालांकि, इस संबंध में संसद को अभी भी एक पूर्ण सत्र में विधेयक को मंजूरी देनी है।

 ईरान के पास परमाणु बम बनाने का मैटेरियल मौजूद 

इजरायल-ईरान संघर्ष के बीच अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकाने, इस्फान, फोर्डो और नतांज पर हमला किया था। अमेरिका ने दावा किया था कि हमले की वजह से ईरान का परमाणु बम बनाने का सपना चकनाचूर हो चुका है। हालांकि, ईरान ने दावा किया कि हमले की वजह के परमाणु बम बनने वाले सारे मैटेरियल बर्बाद नहीं हुए हैं। वहीं, अमेरिका के उप राष्ट्रपति ने कहा कि ईरान के पास अभी भी इतना सामान बचा हुआ है कि वो 9 परमाणु बम बना सके।