कोरबा। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे फुटेज की पड़ताल और मुखबिरों के सहयोग से एक चोर गिरोह का खुलासा किया है। गिरोह ने कार, दुपहिया समेत अनेक कीमती सामान कई जगह से पार करने की बात स्वीकार की। इनके खिलाफ अगली कार्रवाई की जा रही है।  इसमें मुख्य मामला शिवाजी नगर के प्लाट नंबर-269/10 में रहने वाले मनोज पैकरा से जुड़ा है। वह मत्स्य पालन विभाग में सहायक संचालक है और उनकी पत्नी शिक्षिका हैं।ये दंपत्ति पिछले दिनों रायपुर गए हुए थे और मकान में कोई नहीं था। 4-5 जून की रात चोरों ने मकान के ताला को तोड$कर घर के अंदर घुसकर आर्टिका कार कमांक सीजी 18 जे 3707 और स्कूटी टीवीएस कमांक सीजी 12 बीक्यू 2460 की चोरी कर ली। अगली सुबह पड़ोसियों ने मनोज पैकरा को फोन पर जानकारी दी। उसके साले राजेश कंवर ने सिविल लाइन थाना पहुंचकर इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई। बाद में पुलिस ने यहां का जायजा लिया। सिविल लाईन रामपुर एवं सायबर सेल कोरबा की संयुक्त टीम बनाकर आरोपियों की धरपकड़ हेतु टीम बनाया गया। टीम के सदस्यों के द्वारा घटना स्थल से आरोपियों के भागने के जगहों तक सीसीटीवी फुटेज का अवलोकन किया गया। मुखबीर से मिली सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी कर संदेही आशु चोटेल, अविनाश, सुजल जांगड़े, शनि सिंह उर्फ डाकू को पकड$कर हिरासत में लेकर थाना लाया गया। पूछताछ में इन लोगों ने शिवाजी नगर के सूने मकान से आर्टिका कार, स्कूटी, आशु चोटेल ने मानिकपुर क्षेत्र से बिरसामुंडा के सूने मकान से सोने चांदी, पैसों की चोरी करना कबूल किया। पकड़े गए आरोपियों से एक नग आर्टिका कार, एक नग स्कूटी तथा दो मोटर सायकल, चांदी का पायल, नगद रकम बरामद किया गया है। इस कार्रवाई में निरीक्षक प्रमोद डनसेना, सहायक उप निरीक्षक घनश्याम राजपूत, विमलेश उरांव, सउनि दुर्गेश राठौर, आर. योगेश राजपूत, संजय चंद्रा, संदीप भगत, धर्मेंद्र यादव, बसंत पटेल, शैलेंद्र सिदार, ज्योति टोप्पो, मआर रजनी कंवर, रेहाना फतिमा एवं सायबर सेल से प्रआर गुनाराम, आर. सुशील यादव, रवि चौबे की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
0 प्रदीप श्रीवास को रेकी करवाने की जिम्मेदारी
आशु चोटेल ने सोने चांदी के आभूषण को जुनैद खान कांशीनगर को देना बताया है। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि प्रदीप कुमार श्रीवास पता-आईटीआई रामपुर के द्वारा दादर में एलआईजी-135 को किराये में लेकर आरोपियों को साथ में रखता था और आरोपियों के द्वारा चोरी गए संपत्तियों को खपाने का काम करता था। प्रदीप श्रीवास लगातार सूने मकानों की रेकी कर जगह चिन्हित कर चोरी करवाने का काम करता था। प्रदीप श्रीवास एवं अन्य आरोपी गैंग चलाते थे।