
जांजगीर चांपा। जिले में इन दिनों रेत का अवैध उत्खनन जोरों पर है जो अधिकारियों के मिली भगत से आबाद गति से फल फूल रहा है जहां खनिज अधिकारी अवैध रेत घाट का कीमत लेकर उन्हें खुली छूट दे रखे हैं जिससे शासन को लाखों रुपए का नुकसान रोजाना हो रहा है जो पूरी तरह नियम विरुद्ध है। शिकायत के बाद कार्रवाई नहीं होने से बेखौफ होकर रेत माफिया दुगनी गति से नदियों का सीना चीरकर रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं। जिले में अवैध रेत माफियाओं का हौसला लगातार बुलंद होते जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस अवैध कारोबार एक दिन में लाखों की कमाई होती है। इसलिए रेत माफिया किसी भी हद तक चले जाते हैं। साथ ही इसमें छुटभैये जनप्रतिनिधियों का भी हाथ होता है। इसलिए यह काला कारोबार फल फूल रहा है। अवैध उत्खनन पकड़े जाने के बाद भी कड़ी कार्रवाई नहीं हो पाती है। इसलिए लाखों रुपए का वारा न्यारा होने के कारण रेत माफिया तत्काल दूसरे दिन अन्य चैन माउंटेन से खनन करना शुरू कर देते है। इस पर कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है। जिस पर खनिज विभाग कि टीम ट्रैक्टर में बैठकर बीच नदी में रात 9 बजे दहिदा पहुंचकर अवैध उत्खनन कर रहे चैन माउंटेन के पास पहुंचे। साथ ही चैन माउंटेन को सील किया गया। वहीं चैन माउंटेन को नदी के बीच में छोडक़र चालक मौके से भाग निकला। इसके बाद खनिज विभाग की टीम वापस लौट गए। इसके बाद दूसरे दिन ही बुधवार की सुबह दहिदा घाट में फिर से दूसरे चैन माउंटेन से खनन किया जा रहा है। जब कभी अवैध उत्खनन की जानकारी अधिकारियों को किसी बाहरी व्यक्ति के द्वारा जब दी जाती है तो खनिक विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी संबंध अवैध उत्खनन करने वाले व्यक्तियों को पहुंचने से पहले उनके आने की सूचना दे देते हैं ताकि वह उनके पहुंचने से पहले वहां भाग सके। सच कहा जाए तो जिस दिन से जिले में वर्तमान खनिज अधिकारी श्री साहू का आगमन हुआ है तब से यहां रेत माफिया कहा बोल बाला चरम पर है जो प्रत्येक अवैध रेत घाटों का 5 लाख रुपए महीने लेकर उन्हें संरक्षण प्रदान करते हुए अवैध उत्खनन एवं भंडारण करने वालों को लाभ पहुंचा रहे हैं। इससे शासन को रोजाना कई लाख रुपए का चूना लग रहा है तो वही अपने आप को उपमुख्यमंत्री अरुण साव का गरीबी कहने वाले खनिज अधिकारी करोड़ों रुपए महीने कमा रहे हैं।