नईदिल्ली, २१ जून ।
इजरायल और ईरान में संघर्ष बढ़ता जा रहा है। इजरायल लगातार उसके परमाणु ठिकानों को निशाना बना रहा है। ऐसे में ईरान में परमाणु विकिरण के खतरे का अंदेशा जताया जा रहा है। इसका न केवल ईरान बल्कि पूरे क्षेत्र को गंभीर खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। इसके प्रति न केवल विशेषज्ञ बल्कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु निगरानी संस्था ढ्ढ्रश्व्र ने भी आगाह किया है। आइएईए प्रमुख राफेल ग्रासी ने कहा है कि परमाणु ठिकानों को निशाना नहीं बनाना चाहिए। इससे रेडिएशन हो सकता है, जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि इजरायल किन परमाणु ठिकानों को निशाना बना रहा है और किस तरह का जोखिम पैदा हो सकता है।इजरायल ने ईरान के नातांज, इस्फहान, अराक, तेहरान, तबरीज और करमानशाह में स्थित परमाणु ठिकानों को निशाना बनाने की घोषणा की है। उसका कहना है कि उसका लक्ष्य ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकना है। हालांकि ईरान ने इस आरोप का खंडन किया है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) ने नातांज में यूरेनियम संवर्धन संयंत्र और इस्फहान में न्यूक्लियर कांप्लेक्स को नुकसान पहुंचने की बात कही है। कराज और तेहरान में सेंट्रीफ्यूज उत्पादन केंद्र को भी नुकसान होने की सूचना दी है। आईएईए ने बताया कि इजरायल ने निर्माणाधीन खोंडाब हैवी वाटर रिसर्च रिएक्टर को भी निशाना बनाया। इससे समीप में हैवी वाटर बनाने वाले संयंत्र को नुकसान पहुंचा। हालांकि यहां कोई परमाणु सामग्री नहीं थी। इंग्लैंड की लिवरपूल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पीटर ब्रायंट ने कहा कि उन्हें अब तक के हमलों से विकिरण के खतरे को लेकर ज्यादा चिंता नहीं है। नातांज भूमिगत है और विकिरण की रिपोर्ट नहीं है।
यूरेनियम तभी खतरनाक होता है, जब यह सांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। जबकि लंदन स्थित थिंक टैंक आरयूएसआई की वरिष्ठ शोधार्थी दार्या डोल्जिकोवा ने कहा कि संवर्धन संयंत्रों में यूएफ6 या यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड चिंता का विषय है। यह जब हवा में जलवाष्प के साथ प्रतिक्रिया करता है तो हानिकारक रसायनों की उत्पत्ति होती है।ईरान पर इजरायल के हमलों को लेकर खाड़ी देश चिंतित हैं। वे खासतौर पर ईरान के बुशहर शहर पर किसी भी हमले को लेकर परेशान हैं। यहां हमले से खाड़ी देशों के जल स्त्रोतों के प्रदूषित होने का खतरा पैदा हो सकता है। यूएई में 80 प्रतिशत पेयजल यहीं से आता है। जबकि बहरीन और कतर यहीं के पानी पर निर्भर हैं। सऊदी अरब को भी करीब 50 पानी की सप्लाई होती है।