
जांजगीर। जिला अस्पताल के कर्मचारियों के लिए सीएमएचओ ऑफिस के पीछे बनाए गए स्टाफ क्वार्टर आबाद होने से पहले ही खंडहर में बदल गए हैं। 2018-2019 में करीब 2 करोड़ रुपए की लागत से इसका निर्माण शुरू हुआ था। मकान में बिजली, पानी, खिडक़ी, दरवाजे, टाइल्स सहित सभी जरूरी सुविधाएं दी जानी थीं, लेकिन कई काम अब तक अधूरे हैं। इसी कारण सीजीएमएससी ने अब तक इसे स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर नहीं किया है।
इस लापरवाही के चलते भवन जर्जर हो चुका है। दीवारों पर सीलन दिख रही है, खिड़कियां टूट चुकी हैं, दरवाजे सड़ चुके हैं और टाइल्स उखड़ रही हैं। चोरी की घटनाएं भी हो चुकी हैं। चोर लोहे और एल्युमिनियम का सामान निकाल ले गए हैं। अब यह जगह नशेडिय़ों और मवेशियों का अड्डा बन चुकी है। अफसरों की अनदेखी से यह भवन अब रहने लायक नहीं बचा है। अस्पताल के कर्मचारी आज भी किराए के मकानों में रहने को मजबूर हैं। करोड़ों खर्च करने के बाद भी भवन का उपयोग नहीं हो सका है। जिम्मेदार चुप हैं और अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
देखरेख के अभाव में सर्वसुविधायुक्त भवन की हालत शुरू होने से पहले ही खराब हो चुकी है। दीवारों में दरारें पड़ गई हैं और प्लास्टर उखड़ रहे हैं। यहां मवेशियों के साथ नशेडिय़ों का अड्डा बन गया है। शराब की बोतलें जगह-जगह पड़ी हैं। परिसर में 20 क्वार्टर बनाए गए हैं, लेकिन ठेकेदार ने पांच साल में भवन की सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवाल, नाली, बिजली और पानी की व्यवस्था नहीं की है। यहां जाने के लिए पक्की सडक़ भी नहीं बन पाई है।
गंदगी और बदबू फैली दशक पुराना लग रहा मीडिया की टीम जब मौके पर पहुंची, तो वहां गंदगी और बदबू फैली थी। भवन की हालत देखकर लगता है जैसे यह कई दशक पुराना हो। चारों ओर झाडिय़ां उग आई हैं। भवन के आसपास कोई सुरक्षा नहीं है और न ही कोई चौकीदार तैनात है। स्थानीय लोगों का कहना है कि रात में यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है। कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
काम पूरा नहीं हुआ है जिला अस्पताल के कर्मचारियों के लिए बनाया जा रहा स्टाफ क्वार्टर निर्माणाधीन है। काम पूरा नहीं हुआ है, इसलिए हैंडओवर नहीं हो पाया।
-रुष्यंत कुमार महिलांगे उप अभियंता, सीजीएमएससी