निगरानी करने वाली व्यवस्था में हुआ परिवर्तन
जांजगीर। जिले के सरकारी अस्पतालों में हेल्थ वर्करों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए नई व्यवस्था लागू की जा रही है। अब जिले के सभी पीएचसी, सीएचसी केंद्र, जिला अस्पताल और बीडीएम चांपा में काम कर रहे रेगुलर और संविदा कर्मचारियों को आधार आधारित सिस्टम से हाजिरी लगानी होगी। यह व्यवस्था 2 जून से लागू होगी। इस सिस्टम से हाजिरी नहीं लगाने पर डॉक्टर और स्टाफ की सैलरी नहीं बनेगी।
स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर सभी सिविल सर्जन, बीएमओ और अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार, इस नई व्यवस्था में हाजिरी का पूरा डाटा एनआईसी के सर्वर पर सुरक्षित रहेगा। इससे कोई भी कर्मचारी हाजिरी में छेड़छाड़ नहीं कर सकेगा।
समय पर उपस्थिति से अस्पतालों में मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा। कर्मचारियों को समय पर हाजिरी लगाने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि जो कर्मचारी तय समय पर हाजिरी नहीं लगाएंगे, उनकी सैलरी रोकी जाएगी। यह व्यवस्था सभी सरकारी अस्पतालों में एक साथ लागू होगी। 2 जून से डॉक्टर या कोई भी कर्मचारी परिसर में पहुंचने पर अपने मोबाइल से आधार आधारित एप के माध्यम से हाजिरी लगाएंगे। इसके साथ ही उन्हें कार्यालय के अटेंडेंस रजिस्टर में भी साइन करना होगा। ताकि किसी गड़बड़ी की स्थिति में दोनों को मिलाया जा सके। जिला अस्पताल या अन्य अस्पतालों में स्टाफ की बीआईपी ड्यूटी या अन्य जनस्वास्थ्य कार्यक्रमों में ड्यूटी लगती रहती है। ऐसी स्थिति में संबंधित कर्मचारी को अपने मोबाइल में डाउनलोड किए गए हाजिरी एप पर जाकर मैसेज के जरिए अनुमति लेनी होगी। इसके बाद संस्था प्रभारी के पास नोटिफिकेशन के साथ मैसेज डिस्प्ले होगा और वे अनुमति देंगे।
नई व्यवस्था से स्टाफ की मनमानी कम होगी अक्सर पीएचसी, सीएचसी और जिला अस्पतालों में शिकायतें मिलती थीं कि डॉक्टर और स्टाफ समय पर नहीं पहुंचते। इससे मरीजों को परेशानी होती थी। हाल ही में नव पदस्थ कलेक्टर ने जिला अस्पताल के ओपीडी का निरीक्षण किया था, तब कई डॉक्टर समय पर नहीं पहुंचे थे। उन्हें नोटिस जारी किया गया था।
एप ऐसे करेगा काम… एप अस्पताल की लोकेशन में ही काम करेगा। इसमें आधार के अंतिम 8 अंक डालकर फोटो लेनी होगी। स्टाफ अपनी अन्य जानकारी के साथ आधार के अंतिम 8 अंक डालकर फोटो अपलोड करेगा, जिससे उपस्थिति दर्ज हो जाएगी। एप केवल अस्पताल परिसर में ही एक्टिव रहेगा। मोबाइल के जरिए ड्यूटी स्थल पर पहुंचते ही उपस्थिति दर्ज कराई जा सकेगी।