
श्रीनगर, 0२ मई ।
बैसरन पहलगाम नरसंहार को हुए गुरुवार को 10 दिन बीत गए हैं, लेकिन उसके गुनहगार अभी भी सुरक्षाबलों की पकड़ से दूर हैं। उन्हें पकडऩे के लिए सुरक्षाबलों ने अपना तलाशी अभियान लगातार जारी रखा हुआ है। इस बीच, जांच एजेंसियों ने घटनास्थल से मिले सुरागों, प्रत्यक्षदर्शियों से हुई बातचीत और विभिन्न स्रोतों से जुटाई अन्य जानकारी के आधार पर इस जघन्य कांड में प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से लिप्त तत्वों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए के महानिदेशक सदानंद दाते व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी गुरुवार को बैसरन पहलगाम का दौरा कर स्थिति का आकलन किया। इसके अलावा दो वर्ष पहले पकड़े गए आतंकियों के दो ओवरग्राउंड वर्करों निसार और मुश्ताक से भी पूछताछ की तैयारी है।
इन दोनों राजौरी-पुंछ में हमला करने वाले आतंकियों के एक दल को लगभग दो माह तक ठिकाना प्रदान किया था।यहां मिली जानकारी के अनुसार, एनआईए के महानिदेशक सदानंद दाते और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने आज बैसरन पहलगाम का दौरा किया। एनआईए के अधिकारियों ने लगभग तीन घंटे तक बैसरन नरसंहार स्थल के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया। उन जगहों को चिह्नित किया, जहां से आतंकियों के आने की संभावना हो सकती है।इसके अलावा उन्होंने बैसरन की जारी मैपिंग का भी जायजा लिया और सेना व सीआरपीएफ के अधिकारियों से बातचीत की। इसके बाद एनआईए का दल निकटवर्ती सीआरपीएफ शिविर में पहुंचा और वहां एक बैठक हुई। गत बुधवार को भी एनआईए के एक दल ने बैसरन पहलगाम का दौरा कर हालात का जायजा लिया था। इस बीच जांच एजेंसियों ने आतंकियों के 20 ओवरग्राउंड वर्करों को भी चिह्नित किया है, जिनकी जांच की जा रही है। इनके अलावा जांच एजेंसियो ने गुरसई पुंछ के रहने वाले दो आतंकी ओवरग्राउंड वर्करों निसार अहमद उर्फ हाजी और मुश्ताक हुसैन से भी पूछताछ की तैयारी कर ली है।यह दोनों अप्रैल 2023 में भाटा धूरियां तोता गली पुंछ में सैन्य दल पर हुए आतंकी हमले में लिप्त आतंकियों के मददगार रहे हैं। इन्होंने हमले में लिप्त आतंकियों को सुरक्षित ठिकाना उपलब्ध कराने के अलावा उनके लिए हथियारों का बंदोबस्त किया था। यह उनके लिए गाइड का काम भी करते थे।जांच एजेंसियों के अनुसार बैसरन पहलगाम नरसंहा को अंजाम देने वाले आतंकी और राजौरी-पुंछ में सैन्य दलों पर हमला करने वाले आतंकियों का दल एक ही है या फिर यह आतंकी गुलाम जम्मू कश्मीर में किसी एक ही आतंकी शिविर से निकले हैं। इसलिए मुश्ताक और निसार इनके बारे में कुछ अहम जानकारियां प्रदान कर सकते हैं। यह दोनों कोटभलवाल जेल में बंद हैं।उधर, सुरक्षाबलों ने आतंकियों को पकडऩे के लिए अपना तलाशी अभियान जारी रखा हुआ है। सुरक्षाबलों ने पहलगाम, बैसरन, लारनू, हपतगुंड, डुरूव उसके साथ सटे इलाकों में स्थित जंगलों और पहाड़ों में तलाशी अभियान चला रखा है। संबधित अधिकारियों के अनुसार, सिर्फ अनंतनाग, कुलगाम और शोपियां में ही नहीं कुपवाड़ा, हंदवाड़ा, त्राल, पुलवामा, सोपोर, बारामुला,बडगाम और बांडीपोर जैसे इलाकों में भी संदिग्ध तत्वों की निगरानी की जा रही है। पहलगाम, बैसरन और उसके साथ सटे इलाकों में 20 अप्रैल से सक्रिय रहे विभिन्न मोबाइल फोन की भी जांच की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि अनंतनाग जिले के घने जंगल और प्राकृतिक गुफाएं आतंकवादियों को पनाह दे रही हैं और आतंकियों ने इस इलाके में अपने लिए कुछ सुरक्षित ठिकाने तैयार कर रखे हैं जहां उन्होंने अपने लिए कम से कम 15-20 दिन का राशन भी जमा किया होगा।