
बैकुंठपुर। कोरिया जिले में बकाया 49 करोड़ बिजली बिल वसूलने डोर टू डोर बिजली कर्मचारी पहुंचने लग गए हैं। जो बाहर लगे मीटर का मोबाइल ऐप से ऑनलाइन बकाया बिल की जांच कर दरवाजा खटखटाते हैं और कनेक्शन काटने की चेतावनी देकर बिल पटाने समझाइश दे रहे हैं। बैकुंठपुर शहरी एरिया में जहां 6 करोड़ रुपए तो ग्रामीण एरिया में 9 करोड़ का बिजली बिल बकाया है। बिल वसूली में विभागीय कर्मचारियों के पसीने छूट रहे हैं। वहीं उपभोक्ताओं को विभाग की ओर से किश्तों में बिल पटाने की छूट दी गई है, इसके बाद भी उदासीन रवैया अपनाया जा रहा है। बता दें कि कोरिया जिले में कमर्शियल, घरेलू और कार्यालय भवनों में करीब 49 हजार कनेक्शन लगे हैं। इसमें करीब 49 करोड़ बिल बकाया है। हालांकि, बिजली कंपनी पिछले 3-4 महीने से बकाएदारों को अल्टीमेटम दे रही है। इसमें 4 करोड़ से अधिक सरकारी कार्यालयों के बिल बकाया है। वहीं घरेलू बकाएदार बिजली बिल पटाने में आनाकानी कर रहे हैं। मामले में बिजली कंपनी बकाया वसूली करने अभियान चलाने फरमान जारी किया है। गर्मी से पहले बिजली कर्मचारी रोजाना अलग-अलग मोहल्ले में दर्जनों कनेक्शनधारियों के घर पहुंच रहे हैं। खासकर नगरीय निकायों में वसूली अभियान को तेज कर दिया गया है।
बिजली कर्मी मंगलवार को भ_ीपारा एरिया में डोर टू डोर पहुंचकर बकाया बिल भुगतान नहीं करने पर कनेक्शन काटने चेतावनी दी। साथ ही दर्जनों कनेक्शन काट गए। अभियान में बीपीएल कनेक्शनधारी तुरंत या हर महीने नियमित रूप से पटा रहे हैं। बड़े कनेक्धारियों के अधिक बकाया बिल है। बिजली कंपनी के अनुसार अत्यधिक बकाया बिल वाले उपभोक्ताओं को किश्तों में पटाने की छूट दे रखी है। बावजूद उपभोक्ता बिल पटाने में उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं। वहीं दूसरी ओर बिजली कंपनी ने हर महीने 1 करोड़ तक बकाया वसूली करने टारगेट दिया है, लेकिन बिजली कर्मचारी 25 से 30 लाख तक ही वसूली कर पा रहे हैं।
क्षेत्रवार बकाया बिल
बैकुंठपुर शहरी क्षेत्र- 6 करोड़, बैकुंठपुर ग्रामीण क्षेत्र- 9 करोड़, सरकारी कार्यालय- 4 करोड़, सोनहत क्षेत्र- 6.5 करोड़, बचरापोड़ी क्षेत्र- 5.5 करोड़,
वसूली टीम रोज निकल रही: जेई
छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी के जेई केशव चंद्रा ने बताया कि बकाया बिल वसूली करने कर्मचारियों की टीम रोजाना निकल रही है। डोर टू डोर पहुंचकर कनेक्शनधारियों को बिल पटाने समझाइश दे रही है। नहीं पटाने पर कनेक्शन काटने की कार्रवाई की जा रही है। वहीं सरकारी कार्यालयों का बकाया बिल भुगतान के लिए भी विभागीय स्तर पर प्रक्रिया चल रही है।