
खुशियों पर लगा ग्रहण, माानिकपुर पुलिस ने आरोपी बनाया दुल्हे के पिता को
कोरबा। अचानक हुए घटनाक्रम के कारण लोगों की खुशियों पर ग्रहण लग गया। एक वाहन के दूसरे वाहन से टकराने के कारण डेढ़ वर्ष का बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया और बाद में अस्पताल में उसकी मौत हो गई। इस चक्कर में वैवाहिक समारोह संपन्न जरूर हुआ लेकिन उसमें खुशियों का शोर दुख के आगोश में समा गया। मानिकपुर चौकी पुलिस ने बच्चे की मौत को लेकर जिसे आरोपी बनाया है वह कोई और नहीं बल्कि दुल्हे का पिता है। मामले में अगली कार्रवाई की जा रही है।
मानिकपुर पुलिस चौकी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले चिमणिभट्टा इलाके में निवासरत एक परिवार में विवाह समारोह आयोजित था। अंबिकापुर जिले के उदयपुर से वर पक्ष बारात लेकर यहां गुरुवार की शाम पहुंचा था। शारदा विहार मुख्य मार्ग पर नगर निगम के सामुदायिक भवन में विवाह की तैयारी की गई। इसी परिसर में बारात को रुकवाया गया था। बताया गया कि रात्रि 9 बजे के बाद बारात निकाली गई। डीजे के संगीत पर भारत में आए लोग डांस कर रहे थे। 1 घंटे के बाद क्या कुछ होने वाला है, इस बारे में सभी अनजान थे। उनकी खुशियों पर 10 के लगभग संकट खड़ा हो गया जबकि दूल्हा की कार की टक्कर अपने आगे चल रहे डीजे वाहन से हो गई। इस दौरान डेढ़ वर्ष का बालक हरिओम तिवारी सामने के कांच से जा टकराया और बुरी तरह से घायल हो गया। इस कार को दूल्हे का पिता निलेश तिवारी ड्राइव कर रहा था । इस घटना से मौके पर अफरातफरी की स्थिति निर्मित हो गई। आननफानन में दूसरे वाहन के जरिए पीडि़त बच्चे को मंगलम विहार कोसाबादी स्थित एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां पर उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मानिकपुर पुलिस चौकी प्रभारी नवीन पटेल ने बताया कि इस घटना पर संज्ञान लिया गया है। अस्पताल से आए मर्ग प्रतिवेदन के आधार पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा में मर्ग और भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत दुर्घटना को अंजाम देने वाले वाहन चालक के विरुद्ध अपराध रजिस्टर्ड किया गया है। उकतानुसार इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ध्वनि की तीव्रता भी बन रही दुर्घटनाओं की वजह
वैवाहिक और दूसरे समारोह में डीजे का उपयोग काफी समय से फैशन बना हुआ है। खुशी का प्रदर्शन करना इसका एक माध्यम है लेकिन दूसरी ओर अधिकतम डेसीबल में होने वाले शोरगुल के कारण आसपास के पर्यावरण से लेकर जन स्वास्थ्य पर इसका प्रतिकूल असर भी पड़ रहा है। जानकारों का कहना है कि डीजे में व्यापक मात्रा में उपयोग किए जाने वाले संसाधन और ध्वनि की अधिकता के कारण कांच के स्ट्रक्चर जहां आवाज शुरू कर देते हैं वही मनुष्य के हृदय तंत्र पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। अनेक अवसर पर इस वजह से दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इसके बावजूद व्यवस्था में ना तो अंकुश लगा है और ना कोई परिवर्तन हुआ है।