
कोरबा। पूर्व केंद्रीय मंत्री और जनसंघ के संस्थापक में से एक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी 72वीं पुण्यतिथि पर आज कोरबा में याद किया गया। डीएसपीएम 500 मेगावाट बिजली घर के परिसर में स्थापित डॉ. मुखर्जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। राष्ट्रीय योगदान को नमन किया गया।
डीएसपीएम के मुख्य अभियंता संजीव कंसल सहित अधिकारियों और अभियंताओं ने आज सुबह डॉ. मुखर्जी की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के साथ शिक्षा के साथ-साथ राष्ट्रीय क्षेत्र में दिए गए उनके योगदान को याद किया। इसी कड़ी में कोरबा भाजपा नगर मंडल के द्वारा एक औपचारिक कार्यक्रम शारदा विहार दुर्गा पूजा पंडाल में रखा गया। यहां पर भाजपा नेता अखिलेश पांडेय ने जम्मू कश्मीर में एकीकरण के साथ वहां से दो निशान, दो विधान, दो प्रधान की व्यवस्था को हटाने के मामले में डॉ. मुखर्जी के अनथक प्रयासों पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि तत्कालीन जवाहरलाल नेहरू वाली सरकार में वाणिज्य मंत्री रहे डॉ. मुखर्जी ने इसी बात को लेकर इस्तीफा दे दिया था। उनका कहना था कि जब भारत एक है और जम्मू कश्मीर इसका हिस्सा है तो यहां दो निशान क्यों हैं और दो प्रधान के साथ-साथ विधान अलग क्यों है। नतीजा यह हुआ कि उस दौर में इस मुद्दे को उठाने वालों पर सरकार का रवैया दुश्मनों जैसा रहा और आखिरकार 23 जून 1953 को श्रीनगर में डॉ. मुखर्जी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। वक्ताओं ने कहा कि जनसंघ के बाद भाजपा के द्वारा किए गए संघर्ष और मौजूदा सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति से जम्मू कश्मीर से धारा 370 के साथ-साथ वे सभी बेरियर हटा दिए गए जिनके कारण यहां बुराईयां पनपी और खतरनाक हालात पैदा हुए। कार्यक्रम में नगर मंडल अध्यक्ष योगेश मिश्रा, संयोजक परमिंदर सिंह, भाजपा नेत्री ऋतु चौरसिया, पार्षद सुषमा साहू, प्रभा राठौर, मिथलेश पांडेय, रमाशंकर साहू, नवीन जायसवाल, सुशील वर्मा, कृष्णा वैष्णव, अनिल सोनी, टीकम राठौर, दीपेश सिंह सहित क्षेत्र की मातृशक्ति ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।