कोरिया बैकुंठपुर। जिले में संचालित आदिवासी बालक-बालिका आश्रमों में अधीक्षकों की नियुक्ति को लेकर जिला प्रशासन कोरिया तथा सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग द्वारा बीते दिनों काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। हालांकि, इस नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय स्तर पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि आश्रम अधीक्षक के पदों पर नियुक्ति में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिले के विभिन्न विकासखंडों में स्थित सरकारी आश्रमों में वर्षों से अधीक्षकों की नियुक्ति लंबित थी, जिससे आश्रम संचालन में बाधाएं उत्पन्न हो रही थीं। इसे देखते हुए आदिवासी विकास विभाग द्वारा काउंसलिंग आयोजित कर पात्र अभ्यर्थियों की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। लेकिन जैसे ही नियुक्ति सूची सार्वजनिक हुई, कई अभ्यर्थियों एवं सामाजिक संगठनों ने नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाना शुरू कर दिया। कई अभ्यर्थियों का कहना है कि काउंसलिंग के दौरान चयन की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं रही। आरोप है कि कई ऐसे अभ्यर्थियों का चयन किया गया है जो मेरिट सूची में पीछे थे, जबकि योग्य एवं वरीयता प्राप्त अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया गया। इसके अलावा कई स्थानों पर बिना काउंसलिंग में शामिल हुए ही कुछ लोगों को नियुक्त कर दिया गया, जिससे प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मामले की जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि मामले की निष्पक्ष जांच की जाए तो बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार सामने आ सकता है। कुछ जगहों पर पैसों के लेन-देन की भी चर्चा सामने आ रही है, जिससे विभाग की छवि धूमिल हो रही है।