मेरठ, २३ जून ।
कुछ समय और इंतजार कर लीजिए…. मोदीपुरम से सराय काले खां स्टेशन तक लगभग 55 मिनट में ही पहुंच जाया करेंगे। इस सपने को साकार करने के लिए रविवार को ट्रायल किया गया। पहली बार पूरे 82 किमी लंबे कारिडोर यानी मोदीपुरम से सराय काले खां तक नमो भारत की रैक दौड़ाई गई। रैक ने लगभग 57 मिनट में ही यह दूरी तय कर ली। इतनी लंबी दूरी तक पहला ट्रायल सफल हो गया है। अभी कुछ दिनों तक यह ट्रायल चलेगा। दूसरी खास बात यह है कि मेरठ में मेट्रो ने भी मेरठ साउथ स्टेशन से मोदीपुरम तक दौड़ लगाई। दोनों को एक साथ दौड़ाकर भी ट्रायल किया गया, इसका ट्रायल भी सफल रहा। ट्रायल के दौरान नमो भारत की रैक को पूरे 82 किलोमीटर के हिस्से में 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति से भी दौड़ाया गया। सराय काले खां स्टेशन से मोदीपुरम के बीच रैक हर स्टेशन पर ट्रेन की तरह रोकी भी गईं। निर्धारित समय सारिणी का पालन करते हुए एक घंटे से भी कम समय में इस दूरी को तय कर लिया। जैसे यात्री ट्रेनों के रुकने पर गेट और प्लेटफार्म दरवाजे खुलते हैं उसी तरह से ट्रायल रैक ने भी अत्याधुनिक तकनी के साथ तालमेल बैठाया।
नमो भारत कारिडोर पर विश्व में पहली बार प्रयोग होने वाले एलटीई आधारित ढांचे पर आधुनिक ईटीसीएस लेवल-थ्री हाइब्रिड सिग्नलिंग सिस्टम को अपनाया गया है। इस सिग्नलिंग सिस्टम ने हर स्टेशन पर स्थापित किए गए प्लेटफार्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) के साथ बिना किसी बाधा के सफलतापूर्वक परीक्षण पूर्ण किया।वर्तमान में 55 किमी के 11 स्टेशनों पर यात्रियों के लिए नमो भारत ट्रेन संचालित की जा रही है। इसमें दिल्ली के सराय काले खां और न्यू अशोक नगर के बीच 4.5 किलोमीटर हिस्से में ट्रायल लंबे समय से चल रहा है। वहीं मेरठ में मेरठ साउथ और मोदीपुरम के बीच लगभग 23 किलोमीटर के हिस्से में भी लंबे समय से ट्रायल चल रहा है। अब पूरे हिस्से पर एक साथ ट्रायल किया गया। जहां पर ट्रेन संचालित हो रही है वहां भी यात्री ट्रेनों के साथ सामंजस्य बैठाकर रैक को भी रोका गया।नमो भारत कारिडोर पर मोदीपुरम तक नमो भारत रैक का ट्रायल जारी है लेकिन शहरवासी इस प्रतीक्षा में हैं कि आखिर ट्रेन का संचालन कब से शुरू होगा। संचालन का लक्ष्य जून 2025 रखा गया था। बहरहाल, इस प्रश्न का उत्तर अभी किसी के पास नहीं है क्योंकि किस हिस्से में ट्रेन का विस्तार कब किया जाएगा इसका निर्णय शहरी विकास मंत्रालय से होता है। उम्मीद है कि जल्द ही कम से कम शताब्दीनगर तक संचालन शुरू हो जाएगा।संचालन की तैयारियों के बीच शताब्दीनगर स्टेशन से मोदीपुरम डिपो स्टेशन तक के निर्माण कार्यों की प्रगति को जान लेते हैं। शताब्दीनगर से मोदीपुरम तक कारिडोर के हिस्से का कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है। शताब्दी नगर से लेकर मोदीपुरम तक सभी स्टेशनों पर विद्युत आपूर्ति की जा चुकी है। सराय काले खां से लेकर मोदीपुरम तक विद्युत लाइन के लिए ओएचई स्थापित किया जा चुके हैं। ब्रह्मपुरी स्टेशन पर विद्युत आपूर्ति हो चुकी है, जो शताब्दी नगर के बाद एक मेट्रो स्टेशन है। इस स्टेशन के प्रवेश-निकास द्वार लगभग तैयार हैं। यहां तकनीकी कमरे बनाए जा चुके हैं और स्टेशन पर फिनिशिंग कार्य तीव्र गति से जारी है। इसके बाद भूमिगत हिस्सा शुरू होता है।
मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और बेगमपुल भूमिगत स्टेशन हैं। इनमें से बेगमपुल से नमो भारत और मेरठ मेट्रो की सुविधा उपलब्ध होगी। बाकी दोनों भूमिगत स्टेशनों से केवल मेट्रो की सुविधा मिलेगी। मेरठ सेंट्रल स्टेशन पर एक प्रवेश-निकास द्वार तैयार है जबकि दूसरे प्रवेश-निकास द्वार पर कार्य तेज गति से किए जा रहे हैं। तकनीकी कमरे तैयार हैं और फिनिशिंग कार्य जारी है। भैंसाली स्टेशन पर भी तकनीकी कमरे बनाए जा चुके हैं।स्टेशन पर तीन प्रवेश-निकास द्वार हैं, जिनमें से दो लगभग तैयार हैं। दिल्ली-मेरठ नमो भारत कारिडोर के सबसे गहरे बेगमपुल स्टेशन पर भी सिविल कार्य समापन के करीब है। इस स्टेशन पर चार प्रवेश-निकास द्वार हैं। स्टेशन के अंदर के हिस्से पर भी फिनिशिंग कार्य जारी है। बेगमपुल स्टेशन पर व्यावसायिक कार्य के लिए भी अतिरिक्त तल है, इससे यहां पर चार तल हो चुका है। बेगमपुल के बाद फिर से एलिवेटेड हिस्सा शुरू हो जाता है, जिसमें एमईएस कालोनी, डोरली, मेरठ नार्थ और मोदीपुरम स्टेशन आते हैं। इनमें से केवल मोदीपुरम से मेरठ मेट्रो और नमो भारत की सुविधा मिलेगी, अन्य स्टेशन केवल मेट्रो के लिए बनाए गए हैं।एमईएस कालोनी पर सिविल कार्य अंतिम चरण में है। प्रवेश-निकास द्वार का कार्य हो चुका है। फिनिशिंग कार्य भी तेज गति से जारी है। डोरली स्टेशन पर भी दो प्रवेश-निकास द्वार हैं, जो बनकर तैयार हैं। फिनिशिंग कार्य तेज गति से हो रहे हैं। मेरठ नार्थ और मोदीपुरम स्टेशन नेशनल हाईवे पर स्थित हैं। मेरठ नार्थ स्टेशन पर छत और पीईबी का काम हो चुका है। स्टेशन पर हाईवे से आने-जाने के लिए एफओबी बनाया जा रहा है, जिसकी छत बन चुकी है और ग्रिलिंग का काम जारी है।स्टेशन के अंदर के हिस्से पर फिनिशिंग कार्य किए जा रहे हैं। मोदीपुरम स्टेशन के दोनों प्रवेश-निकास द्वार बनकर तैयार हैं। हाईवे के एक तरफ एफओबी भी बनाया जा चुका है। इसकी ग्रिल भी लग चुकी है। स्टेशन के भीतर तकनीकी कमरे बनकर तैयार हैं और फिनिशिंग का काम तीव्र गति से जारी है।