
कोरबा। जिले के पसान रेंज में एक ग्रामीण को मौत के घाट उतारने तथा क्षेत्र में उत्पात मचाकर वन विभाग की नाकों में दम कर देने वाला खतरनाक लोनर हाथी अब जीपीएम जिला की ओर रूख कर गया है। खतरनाक लोनर जिस रास्ते से पसान रेंज में प्रवेश किया था उसी रास्ते से वापस लौटा। इस दौरान वन विभाग की 20 सदस्यीय टीम रात भर रास्ते में उसकी निगरानी करती रही।
कल शाम से ही लोनर हाथी पसान सर्किल में पहुंच गया था। इसकी जानकारी तत्काल वन विभाग को लग गई थी जिस पर वन विभाग की टीम उसकी निगरानी में जुटी हुई थी। खबरों के मुताबिक लोनर हाथी ने यहां पहुंचने के बाद कुछ देर इधर-उधर विचरण किया और रात होते ही आगे का रूख करते हुए आज तडक़े 3 बजे के लगभग सुखाड़ नदी को पार कर जीपीएम जिले की सीमा में प्रवेश कर आगे माड़ाकोट जंगल की ओर बढ़ गया, जहां तीन हाथी पहले से विचरण कर रहे हैं। लोनर के इस दल में शामिल होने की संभावना है। बताया जाता है कि लोनर हाथी रास्ते में कुम्हारीसानी नामक गांव की बस्ती में प्रवेश कर राजाराम पिता धनीराम नामक ग्रामीण के कच्चे मकान को निशाना बनाते हुए ढहा दिया और वहां रखे धान, चावल व अन्य अनाज को चट कर दिया। इस घटना में राजाराम का परिवार बाल-बाल बच गया। वन विभाग ने लोनर को खदेड़ा जिसकी वजह से बड़ा नुकसान नहीं हो पाया। आज सुबह वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी कुम्हारीसानी पहुंचे और रात में लोनर द्वारा किए गए नुकसानी का आंकलन कर रिपोर्ट तैयार की। खतर लोनर के अन्यत्र जाने से पसान के वन स्टाफ ने राहत की सांस ली है। क्योंकि खतरनाक लोनर क्षेत्र में लगातार उत्पात मचा रहा था जिससे अनहोनी घटना होने की संभावना बनी हुई थी। इस लोनर हाथी ने पसान रेंज में आते ही कुम्हारीसानी में एक ग्रामीण को मौत के घाट उतार दिया था जिससे हडक़ंप मच गया था। कटघोरा वनमंडल के केंदई व एतमानगर में अभी भी बड़ी संख्या में हाथी विचरण कर रहे हैं लेकिन ये जंगल में ही हैं।
इधर कोरबा वनमंडल के कुदमुरा रेंज के चचिया परिसर में दो हाथियों की सक्रियता लगातार बनी हुई है। इन हाथियों ने जहां कल दो ग्रामीणों की धान की फसल को नुकसान पहुंचाया था वहीं बीती रात फिर खेतों में पहुंचकर वहां लगे धान को रौंद दिया है जिससे दो ग्रामीणों को नुकसान उठाना पड़ा है। हाथियों द्वारा क्षेत्र में लगातार फसल रौंदे जाने तथा मेहनतों पर पानी फेरने से ग्रामीण हलाकान हैं।