जांजगीर-चांपा। एक आम नागरिक के संघर्ष और सिस्टम की लापरवाही का मामला हाल ही में जांजगीर जिले की विशेष न्यायाधीश की अदालत में सामने आया। ग्राम कन्हाईबंद निवासी साहेबलाल सूर्यवंशी पर छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड नैला जोन द्वारा वर्ष 2022 में झूठा बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज किया गया था। लेकिन तीन वर्षों की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद विशेष न्यायालय ने उन्हें निर्दोष करार दिया।
अदालत ने क्या कहा?
विशेष न्यायाधीश के दिए गए फैसले में कहा कि — प्रपत्रों में आरोपी का नाम स्पष्ट नहीं था। कोई स्वतंत्र गवाह नहीं पेश किया गया। दस्तावेज विधिवत तैयार नहीं किए गए। तलाशी प्रक्रिया विधि अनुरूप नहीं थी।
विद्युत अधिनियम और भारतीय दंड संहिता का पालन नहीं किया गया।
क्या था पूरा मामला?
30 मार्च 2022 को ष्टस्क्कष्ठष्टरु नैला जोन की टीम जिसमें सहायक अभियंता सौरभ विश्वकर्मा, कनिष्ठ अभियंता सौरभ कश्यप और अन्य कर्मचारी शामिल थे, ने साहेबलाल के घर छापा मारते हुए आरोप लगाया कि 1405 वॉट बिजली का डायरेक्ट हुकिंग से उपयोग हो रहा था। इसके लिए ?40,573 का जुर्माना नोटिस दिया गया और विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 (1) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
कंपनी की लापरवाही उजागर
अदालत में यह भी सामने आया कि —जिस स्थान पर छापा मारा गया वह साहेबलाल का था, इसका कोई प्रमाण नहीं था।
गवाह केवल विभागीय कर्मचारी थे, कोई स्वतंत्र व्यक्ति नहीं था। पंचनामा और साक्ष्य में विरोधाभास थे।
पूर्व शिकायतों के बाद बना झूठा केस
साहेबलाल ने पहले विद्युत विभाग के अधिकारियों के खिलाफ अनियमितता की शिकायतें की थीं, जिनके बाद द्वेषवश उन पर यह झूठा मुकदमा दर्ज किया गया। कनिष्ठ यंत्री अनुजा जाधव द्वारा एक शासकीय पत्र में जातिसूचक टिप्पणी करना भी इस बात की पुष्टि करता है।
स्वयं की पैरवी कर लड़ा केस
इस मामले में साहेबलाल को कोई अधिवक्ता साथ देने को तैयार नहीं हुआ। विधिक सहायता से मिले अधिवक्ता ने भी दबाव डालने की कोशिश की कि वे विद्युत विभाग के खिलाफ कोई शिकायत न करें। अंतत: साहेबलाल ने खुद ही अदालत में अपना पक्ष रखा और सफलता पाई।
कठिनाइयाँ और नुकसान
साहेबलाल ने बताया कि इस झूठे मुकदमे की वजह से —उन्हें आर्थिक, मानसिक और शारीरिक प्रताडऩा झेलनी पड़ी।आय और कैरियर प्रभावित हुआ।बेटे को शिक्षा के अधिकार के तहत प्रवेश नहीं मिल सका।11 दिन तक बिजली कनेक्शन काटा गया।मान-सम्मान को ठेस पहुंची।दबाव में ?25,000 जमा करने पड़े।
हाई कोर्ट जाएंगे पीडि़त
साहेबलाल ने बताया कि उन्हें कोर्ट से धारा 250 ष्टक्रक्कष्ट के तहत मुआवजा नहीं मिला, न ही किसी प्रकार की राहत। वे इस निर्णय को चुनौती देने बिलासपुर हाईकोर्ट जाएंगे।