
कोलकाता, 0५ जून ।
बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी बदलने का खेल शुरू हो गया है। इसी क्रम में बुधवार को उत्तर बंगाल में कांग्रेस को बड़ा धक्का लगा, पार्टी के हैवीवेट नेता व पूर्व विधायक शंकर मालाकार सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए।शंकर उत्तर बंगाल में अनुसूचित जाति के एक प्रभावशाली नेता हैं। वह 2011 से 2021 के बीच माटीगाड़ा-नक्सलबाड़ी विधानसभा क्षेत्र से लगातार दो बार विधायक रह चुके हैं। शंकर ने कोलकाता में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी और वरिष्ठ मंत्री अरूप विश्वास की मौजूदगी में तृणमूल की सदस्यता ग्रहण की। उत्तर बंगाल के दिग्गज कांग्रेस नेता मालाकार दार्जिलिंग जिला प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष भी थे। कोलकाता में जब वे पार्टी में शामिल हुए तो तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुब्रत बख्शी और अरूप बिस्वास मौजूद थे। जबकि राज्य कांग्रेस नेतृत्व ने शंकर मालाकार को निष्कासित कर दिया, पूर्व कांग्रेस नेता मालाकार ने कहा कि उन्होंने पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े को अपना इस्तीफा भेज दिया है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर उत्तर बंगाल से अलग राज्य बनाने का वादा करके विभाजन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में भगवा पार्टी से केवल तृणमूल कांग्रेस ही लड़ सकती है। 2011 में तृणमूल के सत्ता में आने के बाद से कांग्रेस के कई नेता राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हो चुके हैं।
मालाकार उन चंद लोगों में से एक थे जो इस पुरानी पार्टी में बने हुए थे। उन्होंने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि राज्य में कांग्रेस पार्टी का वोट शेयर गिरकर तीन फीसदी रह गया है और न तो राज्य नेतृत्व और न ही केंद्रीय नेतृत्व पश्चिम बंगाल में पार्टी की संभावनाओं को बढ़ाने में दिलचस्पी रखता है। मालाकार ने कहा कि कांग्रेस में आज बंगाल में दिशा और जमीनी स्तर पर जुड़ाव की कमी है। मुझे लगा कि विपक्षी नेता के तौर पर काम करते हुए मैं लोगों के लिए कुछ खास नहीं कर पा रहा हूं और लोगों से अलग-थलग पड़ रहा हूं। 70 वर्षीय मालाकार ने कहा कि राज्य कांग्रेस नेतृत्व में पहल की कमी है और केंद्रीय नेतृत्व पश्चिम बंगाल में पार्टी के राजनीतिक विरोधी दलों के प्रति नरम है।