कोरबा। कोरबा जिले में धान उपार्जन की प्रक्रिया जनवरी में पूरी हो चुकी है। धान का उठाव भी हो चुका है। 3 महीने का समय व्यतीत होने पर भी सेवा सहकारी समितियां कमीशन के इंतजार में है। खबर के अनुसार 10 से 15 समिति के अंतिम मिलान मैं देरी होने के कारण कमीशन अटका हुआ है।
जानकारी मिली है कि प्रति क्विंटल धान की खरीदने के पीछे समिति को ?31. 25 पैसे की राशि कमीशन के तौर पर मिलते हैं। जिले में इस वर्ष जितनी खरीदी 65 उपार्जन केदो के स्तर से हुई है, उसे आधार पर कमीशन की राशि 9 करोड़ से ज्यादा की होती है। जानकारी के अनुसार कमीशन की राशि से ही सहकारी समितियां के कर्मचारियों के वेतन आधु संरचना और दूसरे खर्च समायोजित होते हैं। इसलिए हर समिति चाहती है कि प्रतिवर्ष उपार्जन की प्रक्रिया पूरी होने के साथ कमिश्न का भुगतान हो जाना चाहिए। पता चला है कि लगभग 50 समितियां की खरीदी का अंतिम मिलन पूरा हो चुका है और रिपोर्ट आगे दी जा चुकी है लेकिन 15 समितियां के मामले में या प्रक्रिया अभी भी अधूरी है। इस चक्कर में पूरा कामकाज अटका हुआ है। इसके चलते भुगतान जारी नहीं किया जा रहा है। कोऑपरेटिव बैंक की ओर से अपने हिस्से की जिम्मेदारी पूरी कर दी गई है । जबकि आगे का काम मार्कफेड का है। बताया गया कि धन उपार्जन से कमीशन के तौर पर प्राप्त होने वाली राशि वहां के कर्मियों के आर्थिक और सामाजिक हितों का पोषण करने में सहायक होती है इसलिए अपेक्षा की जा रही है कि सुशासन तिहार में इस काम को पूरा कर लिया जाना चाहिए।