
जमशेदपुर। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 800 करोड़ रुपये के फर्जी निर्यात घोटाले में जमशेदपुर समेत बिहार के अन्य जिलों में जबरदस्त कार्रवाई की है। कस्टम अधिकारियों और 23 फर्जी फर्मों की सांठगांठ से टाइल्स और ऑटोमोबाइल पार्ट्स का फर्जी निर्यात दिखाकर 100 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की गई। बिष्टुपुर के नार्दर्न टाउन स्थित रणविजय कुमार के आवास से सात सोने की छड़ें, आपत्तिजनक दस्तावेज और मोबाइल फोन बरामद हुए।
पांच कस्टम अधिकारियों और 29 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
रणविजय कुमार फिलहाल जमशेदपुर में सेंट्रल जीएसटी व सेंट्रल एक्साइज के एडिशनल कमिश्नर के पद पर कार्यरत हैं और वह नार्दर्न टाउन के बंगला नंबर वनडी में रहते हैं। उनके अलावा पांच कस्टम अधिकारियों और 29 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
सात ठिकानों पर की गई छापेमारी
सीबीआई ने शनिवार को एक साथ पटना, पूर्णिया, नालंदा, मुंगेर और जमशेदपुर में सात ठिकानों पर छापेमारी की।
यह घोटाला 2021 से 2023 के बीच पटना कस्टम कार्यालय और भीमनगर, जयनगर व भिट्टामोर के लैंड कस्टम स्टेशनों (एलसीएस) में अंजाम दिया गया विश्वसनीय सूत्रों की सूचना पर 17 जून को प्राथमिकी दर्ज की गई, जिसमें कस्टम के तत्कालीन अतिरिक्त आयुक्त रणविजय कुमार, सुपरिंटेंडेंट्स नीरज कुमार, मनमोहन शर्मा, तरुण कुमार सिन्हा, राजीव रंजन सिन्हा, निजी व्यक्ति गंगा सिंह और 23 फर्जी फर्मों को आरोपी बनाया गया।