
नईदिल्ली, १२ मई ।
माना जा रहा है कि इस समय कनाडा अपने सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस समय कनाडा काफी बुरे दौर से गुजर रहा है। कनाडा में आने वाले समय में नौकरियों की कमी देखने को मिल सकती है। जो बताया जा रहा है कि अपने विशाल प्राकृतिक संसाधनों और उच्च जीवन स्तर के लिए जाना जाने वाले कनाडा में अप्रैल 2025 में मात्र 7,400 नौकरियाँ जोड़ीं गई। आने वाले समय में कानाडा के पीएम मार्क कार्नी के लिए एक बड़ी परेशानी हो सकती है।वहीं, आंकड़े बताते हैं कि कानाडा में बेरोजग़ारी दर बढक़र 6.9त्न हो गई है। माना जा रहा है कि यह नवंबर 2023 के बाद सबसे ज्यादा है। दुनिया के सबसे अमीर देशों में से एक में इस फीके प्रदर्शन ने आर्थिक स्थिरता के बारे में चिंताएं पैदा कर दी हैं, जिसमें अमेरिका भी शामिल है। इसके पीछे की मुख्य वजह अमेरिकी राष्ट्रपति की टैरिफ नीति मानी जा रही है। दरअसल, कनाडा के प्रमुख निर्यात जैसे स्टील, एल्युमीनियम और ऑटोमोबाइल पर टैरिफ को इसका मुख्य कारण बताया गया है। कमज़ोर नौकरियां और बढ़ती श्रम शक्ति, बढ़ते व्यापार तनाव के बीच कनाडा की आर्थिक लचीलेपन के लिए बढ़ती चुनौतियों का संकेत देती हैं।अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो लगभग 1.6 मिलियन कनाडाई अब बेरोजगार हैं, श्रम बाजार में काफी तनाव दिखाई दे रहा है। वहीं, अप्रैल में जोड़े गए 7,400 शुद्ध रोजगार मार्च में 32,600 नौकरियों के नुकसान की तुलना में बहुत कम हैं, जो अर्थव्यवस्था की असमान रिकवरी को दिखा रहा है। कनाडा में बेरोजगारी दर, जो 6.7 प्रतिशत से बढक़र 6.9 प्रतिशत हो गई, विश्लेषकों के 6.8 प्रतिशत के पूर्वानुमान से अधिक थी।जानकारी दें कि अप्रैल में नौकरियों में कमी का खामियाजा विनिर्माण क्षेत्र को भुगतना पड़ा, एक महीने में 31,000 नौकरियां चली गईं। जानकार बताते हैं कनाडा ने इस गिरावट को सीधे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की व्यापार नीतियों के तहत लगाए गए अमेरिकी टैरिफ से जोड़ा है, जो कनाडाई स्टील, एल्यूमीनियम और हाल ही में ऑटोमोबाइल को लक्षित करते हैं। अनेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार युद्ध में कनाडा के आयात पर कई तरह के टैरिफ शामिल हैं, जो कनाडाई श्रम बाजार में दर्द पैदा कर रहे हैं। कनाडा ने भी लक्षित अमेरिकी वस्तुओं पर जवाबी टैरिफ लगाए हैं। कार्नी और ट्रम्प दोनों ने हाल ही में द्विपक्षीय व्यापार के भविष्य पर प्रारंभिक वार्ता के लिए ओवल ऑफिस में मुलाकात की। दोनों नेताओं ने कहा कि वार्ता से प्रगति हुई है, लेकिन अभी तक टैरिफ राहत की घोषणा नहीं की गई है।