जांजगीर। सक्ती जिले के हसौद-डभरा मार्ग पर स्थित भेड़ीकोना के पास बोराई नदी पर बने उच्चस्तरीय जर्जर पुल और उसके पहुंच मार्ग की मरम्मत कर दी गई है। बोराई नदी पर बना यह पुल हसौद और डभरा को आपस में जोड़ता है, जिससे प्रतिदिन लगभग 15,000 लोगों का आना-जाना होता है।
लंबे समय से इस पुल की स्थिति खराब होने के कारण क्षेत्रवासियों को जान का खतरा बना हुआ था। पिछले एक साल में इस पुल से जुड़ी घटनाओं में पांच लोगों की जान जा चुकी थी। स्थानीय लोगों ने पुल की जर्जर हालत को लेकर लगातार प्रशासन से शिकायत की थी। शिकायत के बाद प्रशासन हरकत में आया और मरम्मत का कार्य किया गया। पुल के क्षतिग्रस्त हिस्सों पर डामरीकरण किया गया है। टूटी हुई रैलिंग की मरम्मत कर उसे सुरक्षित बना दिया गया है। यह पुल पिछले दो वर्षों से जर्जर स्थिति में था। पुल की मरम्मत से अब आमजन को बड़ी राहत मिली है और दुर्घटना की संभावनाएं भी कम हो गई हैं। भैसमा-सक्ती मार्ग पर सोन नदी सेतु के विशेष मरम्मत कार्य के लिए 7 लाख 34 हजार रुपए की मंजूरी मिली है। इसी तरह भैसमा-गोढ़ी मार्ग पर करमंदी नाला सेतु का मरम्मत 8 लाख 98 हजार रुपए की लागत से किया जाएगा। जटगा-पसान मार्ग पर बम्हनी नदी सेतु का मरम्मत करीब 6 लाख रुपए से किया जाएगा। इन कार्यों के लिए विभाग द्वारा टेंडर जारी किया गया है।
इधर परेशानी बरकरार जांजगीर, पामगढ़, नवागढ़ और अकलतरा क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाई गई कई सडक़ें जर्जर स्थिति में हैं। जांजगीर जिला मुख्यालय का लिंक रोड भी खराब है, जहां बारिश में पानी भर जाता है। ग्राम जर्वे (च) की सडक़ें भी खराब हैं, जो कई गांवों को जोड़ती हैं। यहां के ग्रामीण सडक़ निर्माण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं। पुल पर हुए हादसों में कई लोगों की जा चुकी है जान 25 अप्रैल 2024 को एक वैन को टक्कर मारकर कैप्सूल ट्रक बोराई नदी में गिर गया था। इस हादसे में रुपेंद्र खुंटे और उनके पिता सुरेश कुमार खुंटे की मौके पर मौत हो गई थी। विरोध में 7 घंटे चक्काजाम हुआ था। ट्रक में फंसे ड्राइवर का शव अगले दिन नदी से निकाला गया। 24 अप्रैल को कोयला लदा ट्रक भी इसी पुल से नदी में गिरा था, जिसमें ट्रक चालक और मालिक की मौत हो गई थी।