जयपुर: राजस्थान विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक कंवर लाल मीणा को कोर्ट द्वारा सजा के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया है. यह कार्रवाई करीब 20 साल पुराने एक मामले में उनकी दोषसिद्धि और इस महीने की शुरुआत में आत्मसमर्पण के बाद हुई है. बारां जिले की अंता सीट से विधायक रहे मीणा ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली. कोर्ट ने उन्हें आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया गया था. इसके बाद, विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी सदस्यता समाप्त करने का फैसला लिया. कंवर लाल मीणा की अयोग्यता का मामला राजस्थान की सियासत में चर्चा का विषय बन गया है. इस महीने की शुरुआत में, विपक्षी दल कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा था कि मीणा की अयोग्यता में देरी हो रही है. कांग्रेस विधायक रफीक खान ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, “राहुल गांधी की संसद सदस्यता उनकी सजा के 24 घंटे के भीतर रद्द कर दी गई थी, लेकिन कंवर लाल मीणा के मामले में ऐसा नहीं किया गया.” कांग्रेस ने चेतावनी दी थी कि यदि मीणा को अयोग्य नहीं किया गया तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे.
कांग्रेस कंवर लाल मीणा की विधायकी रद्द होने का क्रेडिट ले रही है. राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘सत्यमेव जयते कांग्रेस पार्टी के भारी दबाव एवं नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली जी के द्वारा हाई कोर्ट में ‘कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट’ की अर्जी पेश करने के बाद आखिरकार भाजपा के सजायाफ्ता विधायक कंवर लाल की सदस्यता रद्द करनी पड़ी.लोकतांत्रिक व्यवस्था में संविधान सर्वोपरि है. कांग्रेस पार्टी यह बात बार-बार RSS-BJP के नेताओं बताती रहेगी और उन्हें मज़बूर करेगी वो संविधान के मुताबिक काम करें.’