
कोरबा। डीएमएफ की राशि से कराए जाने वाले निर्माण और सामग्रियों की आपूर्ति में जमकर किए गए कमीशन खोरी के खेल में जिले में अब तक कई चौंकाने वाले खुलासे हो चुके हैं। पहले जहां सिर्फ जनपद पंचायतों के सीईओ के नाम सामने आए थे, अब उनके कार्यकाल में काम करने वाले बाबुओं और दलालों के नाम भी उजागर हो गए हैं।
इस घोटाले में ठेके देने और बिल पास करने के बदले अधिकारियों और कर्मचारियों को कमीशन दिया गया, ऊंचे पदों पर बैठे अफसरों को 7% तक का कमीशन मिलता था। क्लर्क (बाबू) को 1% से 2% कमीशन दिया जाता था। बिना कमीशन तय किए कोई भी बिल पास नहीं होता था। कोरबा जिले में पदस्थ रहे तत्कालीन जनपद सीईओ (CEO) वीके राठौर – पाली और कटघोरा (कोरबा), भुनेश्वर राज – जनपद पंचायत डोंडी, (बालोद), राधेश्याम मिर्झा – जनपद पंचायत पोड़ी उपरोड़ा (कोरबा), आरएस सेंगर – जनपद पंचायत सूरजपुर। इनमें मिर्झा, राठौर,बभुनेश्वर और भरोसा राम ठाकुर की गिरफ्तारी हो चुकी है।