कोरबा। सरकार द्वारा लागू की गई नई शिक्षा नीति सत्र से प्रभावशील हो रही है। पाठ्यक्रम में बदलाव के साथ व्यापक सुधार किए जाने से यह विद्यार्थियों के लिए न केवल ज्ञानवर्धक होगी बल्कि इससे शिक्षा के स्तर में आशाजनक परिवर्तन भी होगा।
एजुकेशनिस्ट अजय दुबे ने औपचारिक चर्चा में यह बात कही। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार की ओर से जो कदम उठाया गया है उसकी वाकई आवश्यकता थी और देखा जाए तो यह काम बहुत पहले हो जाना चाहिए था लेकिन अज्ञात कारणों से ना तो इस पर विचार किया गया और ना ही इस जमीन पर उतरने की कोशिश की गई। राज्यों की प्रादेशिक भाषा छत्तीसगढ़ी को भी पाठ्यक्रम में अनिवार्य रूप से शामिल किए जाने का मतलब यह होगा कि सीजी बोर्ड और सीबीएसई में समानता होगी। सीजी बोर्ड के स्कूल में जो पाठ्यक्रम चलेगा वहीं सीबीएसई बोर्ड में भी। कहा जा सकता है कि ऐसा होने से शिक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ेगी और प्रतिस्पर्धा के युग में वे अपने आप को साबित करने का काम करेंगे। आर्यन पब्लिक स्कूल के निदेशक अजय दुबे शिक्षा सत्र की पढ़ाई प्रारंभ होने के कुछ समय बाद नवीन शिक्षा नीति के प्रभाव को महसूस किया जा सकेगा। उम्मीद की जानी होगी कि जिस उद्देश्य से एजुकेशन पॉलिसी में परिवर्तन किए गए हैं वह धरातल पर शीघ्र नजर आएंगे।